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राह दिखाते

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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शिक्षक दिवस विशेष…

निर्माण के साथ,
योग्यता को चरम पर पहुंचाने वाले
श्रद्धेय शिक्षक,
सबसे पहले पूजे जाते हैं
माता-पिता से पहले,
पूज्यनीय गुरु ही
जीवन की राह दिखाते हैं।

पूजे नहीं गए तो फिर,
कौन श्रेष्ठ कहलाएंगे ?
जीवंत कर पाठ पढ़ाने वाले,
कैसे सबके बीच में सर्वश्रेष्ठ कहलाएंगे ?

अपने छात्रों को पवित्र पान कराते हैं,
सफलता और समृद्धि को
पाने में मददगार बनकर,
आगे बढ़ाने में सबसे आगे आते हैं
शिक्षा और संस्कार को,
सबसे प्रखर बनाते हुए आगे बढ़ने में
यहाँ सबसे प्रखर पहचान बनाते हैं,
तमाम मुसीबतों से छुटकारा दिलाने में
सबसे पहले खड़े हो जाते हैं।

यह सही व जीवन्त रूप में,
छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ उपहार हैं
ज़िन्दगी में पहली कतार में खड़े होकर,
खुशियाँ देते अपार हैं।

‘शिक्षक दिवस’ छात्रों के लिए एक अपूर्व दर्शन है,
आज़ के दिन का इस कारण आकर्षण है
यह दिन हम सब छात्रों को उत्तम सबक सिखाता है,
‘शिक्षक दिवस’ पर विशेष रूप से
शिक्षकों की महत्ता हमेशा ही बताता है
यह अद्भुत दिन बनकर छात्रों के,
जीवन को सार्थक बनाता है
सफलता और बुलंदी पर,
पहुंचाने में अहम भूमिका
निभाते हुए सबसे आगे बढ़ने में,
मददगार बनकर खुशियाँ अपार दिलाता है।

मानवीय मूल्यों को स्थापित करने में,
सबसे प्रखर हथियार बनकर
आदर्श और शिक्षाप्रद गुणों से,
संवारता है
दुनियाभर में पहली कतार में खड़े होकर,
सबको हर्षित कर आगे बढ़ने में
हर क़दम पर मदद पहुंचाता है।
हम सब मिलकर तहेदिल से,
सदैव अपने गुरुजनों को,
‘शिक्षक दिवस’ सहित हर पल विशेष सम्मान दें।
आत्मिक स्नेह और आशीर्वाद देने वाली,
शख्सियत को हृदय तल से आभार दें॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।