कवि योगेन्द्र पांडेय
देवरिया (उत्तरप्रदेश)
*****************************************
वीरता का मोल, जिसका चुकाया गया नहीं,
भारती का लाल, अनमोल वरदान था
बचपन से ही देशभक्त, मतवाला रहा,
देश के निमित्त जो, सदा ही कुरबान था।
बलिदानी गाथा युक्त, मन मोह लेने वाला,
आचरण था पवित्र, धरम कुरान था।
वीरता की मूरत जो, बन गया रण बीच,
अब्दुल हमीद, शूरवीर वो महान था॥