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शक्ति की महिमा

सुशीला रोहिला
सोनीपत(हरियाणा)
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शक्ति की महिमा है अपार,
सृष्टि का आधार है शक्ति
ब्रहमाण्ड का प्रकाश है शक्ति,
सूर्य की लालिमा है शक्तिl

चन्द्रमा की शीतल छाया है शक्ति,
तारों की छाँव है शक्ति
प्रकृति की बहार है शक्ति,
नदियों की धारा है शक्तिl

सागर की लहर है शक्ति,
परम प्रकाश का अमिट खजाना
मन-मन्दिर की मुरत है शक्ति,
शक्ति से मांगों भक्ति का खजानाl

जगजननी का अवतार है शक्ति,
अमृता की पहचान है शक्ति
राज-राजेश्वरी महामाया शक्ति,
आराध्य,दुर्गा,काली,शीतला है शक्तिl

ज्ञान का अवतार है शक्ति,
प्रेम का भंडार है शक्ति
भक्ति का श्रृंगार है शक्ति,
दुष्टों का संहार है शक्ति
सदभावना का प्रकाश है शक्ति,
शक्ति से माँगे भक्ति का खजानाll

परिचय-सुशीला रोहिला का साहित्यिक उपनाम कवियित्री सुशीला रोहिला हैl इनकी जन्म तारीख ३ मार्च १९७० और जन्म स्थान चुलकाना ग्राम हैl वर्तमान में आपका निवास सोनीपत(हरियाणा)में है। यही स्थाई पता भी है। हरियाणा राज्य की श्रीमती रोहिला ने हिन्दी में स्नातकोत्तर सहित प्रभाकर हिन्दी,बी.ए., कम्प्यूटर कोर्स,हिन्दी-अंंग्रेजी टंकण की भी शिक्षा ली हैl कार्यक्षेत्र में आप निजी विद्यालय में अध्यापिका(हिन्दी)हैंl सामाजिक गतिविधि के तहत शिक्षा और समाज सुधार में योगदान करती हैंl आपकी लेखन विधा-कहानी तथा कविता हैl शिक्षा की बोली और स्वच्छता पर आपकी किताब की तैयारी चल रही हैl इधर कई पत्र-पत्रिका में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका हैl विशेष उपलब्धि-अच्छी साहित्यकार तथा शिक्षक की पहचान मिलना है। सुशीला रोहिला की लेखनी का उद्देश्य-शिक्षा, राजनीति, विश्व को आतंकवाद तथा भ्रष्टाचार मुक्त करना है,साथ ही जनजागरण,नारी सम्मान,भ्रूण हत्या का निवारण,हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा बनाना और भारत को विश्वगुरु बनाने में योगदान प्रदान करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-हिन्दी है l आपकी विशेषज्ञता-हिन्दी लेखन एवं वाचन में हैl

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