सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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सच्चे धन हैं सात हमारे,
रखना इसका ध्यान
कीमत इसकी समझ ली
तो सदा बढ़े सम्मान।
पहला मंत्र है दर्पण जैसा,
‘मन’ अपना हो साफ
नहीं किसी की करो बुराई
गलती कर दो माफ।
‘ज्ञान’ दूसरा मंत्र है भाई,
अनुभव का आधार
कैसी भी स्थिति आ जाए,
निकल जाओगे पार।
‘झूठ’ कभी नहीं छिपने वाला,
सत्य अगर है साथ
कभी नहीं कमजोर पड़ोगे,
सिर पर होगा बड़ों का हाथ।
सदा रहे ‘विश्वास’ स्वयं पर,
चौथा मंत्र इसे मानो तुम
नहीं दुखी तुम कभी रहोगे,
मन का धनी ख़ुद को जानो तुम।
‘प्रेम’ मंत्र है बड़ा ही सुंदर,
सबको बाँटो आगे बढ़ कर
घृणा किसी से नहीं करोगे,
रहोगे कान्हा से प्रिय बन कर।
जीवन का यह परम सत्य है,
जीवन का बस एक है लक्ष्य
‘कर्म’ करो पूरी निष्ठा से,
यही सफलता का है रहस्य।
मंत्र बड़ा ही अनुपम है यह
स्वस्थ हृदय प्रभु का कर ‘ध्यान’
थोड़ा समय आध्यात्म को देना,
जीवन सफल तू अपना जान।
पृथ्वी, जल और गगन, समीर,
धन जीवन का इनको जान।
सदा सुरक्षा इनकी करनी,
जीवन का लक्ष्य ये मान॥