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‘सप्तर्षि’ स्वरूप सातवें आसमान पर ले जाएगा

डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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बजट…

नए भारत का नया बजट एक कल्याणकारी बजट सिद्ध होगा। कृषि क्षेत्र में युवाओं को स्टार्ट-अप के लिए अवसर देना अभिनव प्रयोग एवं सराहनीय पहल है, जिससे कृषि क्षेत्र में नवीन क्रांति संभव है। युवाओं को कृषि क्षेत्र में अवसर मिलेंगे और बेरोज़गारी की समस्या का भी स्थाई समाधान संभव है। ‘कोरोना’ महामारी के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन हुआ और लोगों ने शहरों को छोड़ा। यह एक विशेष परिवर्तन था, जो आपदा काल में एक नवीन अवसर के रूप में उभर कर आया। सरकार ने इस पलायन में सम्भावना देखी है। कुशल मानव संसाधन अपने गाँव या आस-पास के क्षेत्रों में ही यदि रोजगार पा जाता है या व्यवसाय के अवसर ढूँढ लेता है तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था और तेज़ी से बढ़ेगी। नीति आयोग (भारत सरकार) द्वारा अटल इन्नोवेशन मिशन के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में इंक्यूबेशन केन्द्र की स्थापना की गई है। कई ऐसे इंक्यूबेटर हैं जो कृषि से संबंधित उद्योगों एवं विचार को परामर्श देने का कार्य करते हैं, साथ ही तकनीकी सहयोग आदि द्वारा कृषि वाले स्टार्ट-अप्स की मदद करते हैं। कृषि बाहुल्य क्षेत्रों में इस प्रकार के संबंधित इंक्यूबेटर की स्थापना की गई है। नवीन बजट द्वारा इनको और सुदृढ़ करने का लक्ष्य साधा गया है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी अपार संभावना परिलक्षित हो रही हैं। कृषि एक्सीलेरेटर मद कृषि क्षेत्र में युवाओं के नवाचारों को नई उर्जा देगी। इस बजट में कृषि के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में भी स्टार्ट-अप्स की भूमिका को तय किया गया है, जिससे युवाओं को पर्यटन के क्षेत्र में नवाचार करने का मौक़ा मिलेगा और इस क्षेत्र में भी नवाचारों के माध्यम से रोजगार सृजन का स्वप्न देखा गया है। फार्मा क्षेत्र को और सुदृढ़ बनाने के लिए, चिकित्सा उपकरणों में नवाचार हेतु, बहु-विषय पाठ्यक्रम व्यवस्था को सशक्त बनाने, अध्यापकों के समुचित प्रशिक्षण हेतु व्यवस्था इस बजट को और शक्तिशाली बनाते हैं। सस्ती, परंतु उत्कृष्ट शिक्षा को जन-जन तक दूर दराज के क्षेत्रों तक क्षेत्रीय भाषा में पहुँचाने हेतु ‘नेशनल डिजिटल लाईब्रेरी’ की स्थापना प्रशंसनीय कदम है। बजट में जनजाति क्षेत्रों की चिंता ने सामान्य जनमानस का हृदय जीत लिया है। जनजाति क्षेत्रों में विशेष एकलव्य शालाओं की स्थापना, लगभग ३९ हजार शिक्षकों की भर्ती, कुल १५ हजार करोड़ रूपए का पैकेज जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारेगा जिससे जनजाति क्षेत्र भी समाज की मुख्य धारा से जुड़ अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकेंगे।

अंततः, यह कहना उचित होगा कि नवीन बजट नवाचार केंद्रित बजट है जिसमें शिक्षा, कृषि एवं स्टार्ट-अप्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने का प्रयास किया गया है, साथ ही रोजगार सृजन के अवसरों को प्रोत्साहन दिया गया है, जो स्वावलंबी आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदमों को दर्शाता है।

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