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स्वावलंबन से ही राष्ट्र पुनर्निर्माण संभव

डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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‘विश्व उद्यमी दिवस’ (२१ अगस्त) विशेष…

‘विश्व उद्यमी दिवस’ विशेष तौर पर विश्व के उद्योग और व्यापार क्षेत्र के उद्यमियों के महत्व को मान्यता देने वाला एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन मनाकर हम उन सभी महान उद्यमियों को याद करते हैं, जिन्होंने पहल, संघर्ष और मेहनत के माध्यम से उद्योग और व्यापार क्षेत्र में महानता हासिल की है। उद्यमिता विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो देश की आर्थिक विकास और सामरिक विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उद्यमिता से सृजनशीलता और नई प्रेरणा को बढ़ावा मिलता है, जो समाज के प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देती है। भारत अमूल्य रूप से उद्यमी देश है, जो अन्न और रोजगार के सृजनशील स्रोत के रूप में उद्यमिता का इस्तेमाल करता है। इसलिए, विश्व उद्यमी दिवस महत्वपूर्ण है और इसे उच्च मान्यता के साथ मनाना चाहिए। उद्यमिता विकास का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। यह कई नई संभावनाओं के द्वार खोलता है और नई प्रवृत्तियों को संजोता है। उद्यमिता के माध्यम से नए व्यापार विचार-तरीके सृजित किए जाते हैं, जो सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान करने में मददगार साबित हो सकते हैं। उद्योगों के माध्यम से आयात और निर्यात को बढ़ावा मिलता है, जो देश की आर्थिक स्थिरता में मदद करता है और रोजगार के नए स्रोत प्रदान करता है।
भारतीय उद्यमियों ने अन्य देशों में भी अपने पैर जमाए हैं। उदाहरण के लिए सौभाग्यशाली उद्यमी आदित्य बिरला ने कुमार मंगलम समूह को विश्वस्तरीय एक नाम दिलवाया है। आज हम अम्बानी परिवार पर भी विश्वस्तरीय ध्यान दे रहे हैं, जो उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उद्यमिता द्वारा प्राप्त इन महान उद्यमियों की सफलता देश की अन्य युवा पीढ़ी के लिए उपयोगी नीतियों और संगठनों का निर्माण करती है। उद्यमिता विकास की दृष्टि से भारत स्वदेशी मसाले का भी अद्वितीय उदाहरण है। स्वदेशी मसालों की शुरुआत विलक्षण तरीके से एक महिला उद्यमी श्रीमती वनिता ने की थी। उन्होंने मसालों के निर्माण को एक व्यापार विचार के रूप में चुना और बड़ी मेहनत व परिश्रम के बाद विजय प्राप्त की। यह उद्यम केवल अच्छे गुणवत्ता के उत्पाद लाने के साथ-साथ रोजगार की एक अच्छी संभावना प्रदान करता है। आज भारत द्वारा बनाए गए स्वदेशी मसाले की पूरे विश्व में आपूर्ति की जाती है, जो देश की आर्थिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है। तेज़ी से बढ़ रहा पतंजलि उद्योग भी स्वदेशी उद्यमिता का अप्रतिम उदाहरण है। उद्योग विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक संतुलन संचालित करने के लिए भी उद्यमियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भारत में शुरुआती उद्यमियों ने पर्यावरण संरक्षण और ध्यान को अपनाया है और इसे शिल्पी विकास में महत्वपूर्ण रूप से शामिल किया है। उद्यमियों के माध्यम से विभिन्न हरित तकनीकी उपाय विकसित हुए हैं, जैसे-मिट्टी और पानी के उपयोग का सही तरीके से उपयोग, जल संचयन, विकास के माध्यम से पृथ्वी के संतुलन को बनाए रखना आदि विकास में मददगार साबित हो सकते हैं। संक्षेप में कहें तो, उद्यमिता का विकास देश के आर्थिक और सामरिक सुधार में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
उद्यमिता विकास क्षेत्र में भारत की प्रगति के मुख्य कारण को कई तत्वों से समझा जा सकता है-
🔹व्यापारिक मनोदशा-भारत में व्यापार और उद्यमिता का माहौल प्रगतिशील है। व्यापारियों और उद्यमियों को सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग के लिए संबंधित नीतियों और कानूनों का मजबूत समर्थन प्राप्त होता है।
🔹योग्यताएं-भारत में अधिकांश लोग स्वभाव में उद्योग और तकनीकी ज्ञान के साथ योग्यता रखते हैं। उन्हें आवश्यक कौशलों की आवश्यकता होती है, जो व्यवसायी प्रयासों को सफल बनाने में मदद करते हैं।
🔹वैश्विक पहुंच-भारतीय उद्यमी अपने उत्पाद और सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम में स्थापित करने में सक्षम हो गए हैं। वाणिज्यिक करण और वैश्विक संचार के विकास ने उन्हें अपने व्यापार को सर्वदेशीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने की संभावना प्रदान की है।
🔹नवाचार-योग्यताओं, उत्कृष्टता और उद्यम क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई नवाचारों को प्रोत्साहित कर रही है। ये नवाचार कौशल विकास, बाजार उद्यमिता में सुधार, उद्यमिता शिक्षा, नए विश्व कोशीय परियोजनाओं में निवेश, और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अधिक नवीनीकरण शामिल करते हैं।
🔹शेयर बाजार-बड़े शेयर बाजार भारतीय उद्यमियों को अत्यधिक पूंजी और अभियांत्रिकी क्षमताओं तक पहुंच प्रदान करते हैं। इससे उद्यमी माध्यम व लंबी अवधि के उद्योगों का नवीनीकरण करने व वित्तीय संसाधनों में निवेश करने की संभावनाएं प्राप्त कर सकते हैं। यह सभी कारण उद्यमिता क्षेत्र में भारत की प्रगति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत एक उद्यमी देश है, और यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे उद्यमियों ने कितने महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। इसलिए, हमें इस महान दिन को मनाने के समय हमेशा इसे महत्व देना चाहिए और अपने उद्यमियों के प्रति आभारी रहना चाहिए।