कुल पृष्ठ दर्शन : 12

You are currently viewing हर नारी को निहाल करो

हर नारी को निहाल करो

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
*******************************************

संपूर्ण खुशियाँ नारी को, क्यों नहीं मिल पाती है माता
कारण तो बता दो माता, क्योंकि आप हैं भाग्यविधाता।

क्यों नारी को अधूरी जिंदगी, मिलती है भरे जहान में ?
क्यों नहीं पति के कंधे में चढ़ के, जाती है श्मशान में ?

क्यों अपनी बेटियों पर अत्याचार होते आप सहती हो!
आप तो जग की माता हो, क्यों नहीं ये रीति मिटाती हो!

कोई विधवा बनी, आग में जली, कभी गर्भ में मारी गई
कभी जुआरी, शराबी पति के संग, क्यों नारी ब्याही गई ?

उचित संकल्प नारी ले सके, वरदान दो हम सबको ऐसा
कदम-कदम पर नारी को, ठोकर न लगे बनूँ सीता जैसा।

अपनी बिटिया के धैर्य की परीक्षा, अब नहीं लेना माता
आई हैं धरा में आप आशीष देने, शुभ ज्ञान दो सुखदाता।

हे माता, पग-पग में सहारा, लेना पड़ा है हम नारियों को
उत्तम ज्ञान से भर दो हे माता, नाम नहीं रहे लाचारी का।

आपकी बेटी कुंठित हृदय ही, रहती है, कुछ ख्याल करो
आप अद्भुत वरदान देकर माँ, हर नारी को निहाल करो।

बांझन का नाम मिटा कर, राम जैसा पुत्र हो, आशीष दो।
कर्तव्य पालन करूँ, पति का हाथ सिर में हो आशीष का॥

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |