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हिन्दी राष्ट्रभाषा बने…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’
बूंदी (राजस्थान)
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हिंदी संग हम…

हिन्दी सीखे और सिखाएं,
हो हिन्दी प्रसार
राजभाषा से राष्ट्रभाषा तक,
हो हिन्दी विस्तार।

हिन्दी सज्जित हो विश्व गुलिस्ता,
शीघ्र ही जगत-जुबान
आओ, ‘अजस्र’ हम सहर्ष करें,
अपनी हिन्दी से प्यार।

हिन्दी-सी कोई भाषा नहीं है,
उठा देख लो ज्ञान
संस्कृत तनया संस्कृति,
भारत गौरव मान।

अ से ज्ञ तक ज्ञान अनन्त,
व्याकरण सम्मत सार।
हिन्दी शीघ्र राष्ट्रभाषा बने,
‘अजस्र’ स्वप्न सम्मान॥

परिचय–आप लेखन क्षेत्र में डी.कुमार’अजस्र’ के नाम से पहचाने जाते हैं। दुर्गेश कुमार मेघवाल की जन्मतिथि-१७ मई १९७७ तथा जन्म स्थान-बूंदी (राजस्थान) है। आप राजस्थान के बूंदी शहर में इंद्रा कॉलोनी में बसे हुए हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर तक शिक्षा लेने के बाद शिक्षा को कार्यक्षेत्र बना रखा है। सामाजिक क्षेत्र में आप शिक्षक के रुप में जागरूकता फैलाते हैं। लेखन विधा-काव्य और आलेख है,और इसके ज़रिए ही सामाजिक मीडिया पर सक्रिय हैं।आपके लेखन का उद्देश्य-नागरी लिपि की सेवा,मन की सन्तुष्टि,यश प्राप्ति और हो सके तो अर्थ प्राप्ति भी है। २०१८ में श्री मेघवाल की रचना का प्रकाशन साझा काव्य संग्रह में हुआ है। आपकी लेखनी को बाबू बालमुकुंद गुप्त साहित्य सेवा सम्मान-२०१७ सहित अन्य से सम्मानित किया गया है|