कुल पृष्ठ दर्शन : 198

You are currently viewing हुजूर,नया साल है

हुजूर,नया साल है

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
***********************************

नव वर्ष विशेष…..

बरस रही शराब है,
उफान पर शबाब है
थिरक रही जवानियाँ,
हैं बन रहीं कहानियां
इधर गिरो उधर गिरो,
जहाँ है मन वहीं गिरो
दिल में नहीं मलाल है,
हुजूर,नया साल है।

नियम-नियम मत करो,
कोई भी हो मत डरो
कुछ भी करो छूट है,
सब जगह तो लूट है
संस्कार को धिक्कार है,
ये बातें सब बेकार है
पानी भी आज लाल है,
हुजूर,नया साल है।

रोटी का नहीं जिक्र हो,
नहीं किसी की फिक्र हो
कोई मरे,मरा करे,
कोई डरता है डरा करे
अलमस्त तुम पड़े रहो,
लड़खड़ाते से खड़े रहो।
बाकी सब मायाजाल है,
हुजूर,नया साल है॥

परिचय– डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ने एम.एस-सी. सहित डी.एस-सी. एवं पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की है। आपकी जन्म तारीख २५ अक्टूबर १९५८ है। अनेक वैज्ञानिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित डॉ. बाजपेयी का स्थाई बसेरा जबलपुर (मप्र) में बसेरा है। आपको हिंदी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। इनका कार्यक्षेत्र-शासकीय विज्ञान महाविद्यालय (जबलपुर) में नौकरी (प्राध्यापक) है। इनकी लेखन विधा-काव्य और आलेख है।

Leave a Reply