एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’
गोरखपुर(उत्तर प्रदेश)
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कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष……….
पड़ जाता है मक्कारों से,
जब भी पाला
पता नहीं अंधेरा,
कब हो जाये।
निगल जाये दानव,
मानवता युग सारा
धोखा छल प्रपंच,
शक्ति और सहारा
झूठ-फरेब,
द्वेष-दंभ हथियार।।
नीयत का शैतान,
रिश्तोें के
रस में जहर घोलता।
नित-नये
पाखण्ड करता,
अपने ही
जन-जन की
भाव भावना,
का सौदा करता
युग विश्व में
खुद को कहता,
पाक पाकिस्तान।।
एक तरफ
रिश्तों मान,
इस्लाम की
देता रोज दुहाई,
षड्यंत्र क्रूरता
आंतक आक्रांता
के इंसानों का जिहाद
का इस्लाम,
पाकिस्तान।
आदत से मजबूर,
हर शर्मिन्दगी
जलालत-लानत
को करता मंजूर।।
बेशर्म भाव का,
खुद की बरबादी
का बारुद।
अटल अडिग मानवता का,
सत्य सार्थक प्रहरी
हर कोशिश में था
सच्चा हिन्दुस्तान।।
अच्छा हो पड़ोसी,
सुखमय मानवता का गान।
कुटिल-कलूषित को रास नहीं,
अटल मानव मूल्यों की
व्यवहारिक भाषा,
का मान।
बता दी औकात अपनी,
आंतकी उग्र
उग्रता का चेहरा,
कारगिल में कुंठित प्रयास।
भारत के गौरव-गरिमा,
अभिमान पर प्रहार।।
चुपके-चोरी से नापाक
इरादों का शत्रु,
कब्जा कर बैठा कारगिल
पहाड़ियों की चौकी पर,
करने को खुद का
सत्यानाश।
हिन्दुस्तानी का खौला खून,
जय भवानी
हर हर महादेव,
कह वीरों ने
रण में किया कूच।।
रण का शंखनाद,
ऊँचाई पर बैठा शैतान
समझ रहा था खुद को,
दिग्विजयी महान।
भारत के वीर सपूतों ने,
गौरव गाथा के
शौर्य शूरों ने,
माँ भारती के
रणबांकुरों ने,
की महासंग्राम
की ललकार।।
नभ से गरजे,
मिग मिराज
थल से,
तोपें और मिसाईल
इरादों के फौलादों
की औलादों ने।
नापाक इरादों के
दुश्मनों को,
किया खण्ड-खण्ड
मरते मच्छर-मक्खी जैसे,
र्निजीव जीवन जान।।
काँप उठा शत्रु,
पस्त परास्त हुआ पाकिस्तान।
सूखे पत्तों जैसे,
कटते-गिरते-मरते दुश्मन
पुरुषार्थ पराक्रम के,
जवानों के जज्बे के
हिन्दोस्तान की जय-जयकार।।
हर जवान दुश्मन को रौंदता,
जैसे काल विकराल कराल।
दुश्मन चतुर लोमड़ी भागा,
छोड़ कारगिल का मैदान।।
परिचय-एन.एल.एम. त्रिपाठी का पूरा नाम नंदलाल मणी त्रिपाठी एवं साहित्यिक उपनाम पीताम्बर है। इनकी जन्मतिथि १० जनवरी १९६२ एवं जन्म स्थान-गोरखपुर है। आपका वर्तमान और स्थाई निवास गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में ही है। हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री त्रिपाठी की पूर्ण शिक्षा-परास्नातक हैl कार्यक्षेत्र-प्राचार्य(सरकारी बीमा प्रशिक्षण संस्थान) है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त युवा संवर्धन,बेटी बचाओ आंदोलन,महिला सशक्तिकरण विकलांग और अक्षम लोगों के लिए प्रभावी परिणाम परक सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,नाटक,उपन्यास और कहानी है। प्रकाशन में आपके खाते में-अधूरा इंसान (उपन्यास),उड़ान का पक्षी,रिश्ते जीवन के(काव्य संग्रह)है तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-भारतीय धर्म दर्शन अध्ययन है। लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-पूज्य माता-पिता,दादा और पूज्य डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। विशेषज्ञता-सभी विषयों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा दे सकने की क्षमता है।