बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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युगों-युगों से कहते आये,
हिन्दुस्तान हमारा है।
देश हमारा सबसे प्यारा,
विश्व गगन का तारा है॥
ज्ञान और विज्ञान यहीं से,
सब देशों ने पाये हैं।
इसकी महिमा ऋषि-मुनियों ने,
वेद शास्त्र में गाये हैं॥
गंगा यमुना और नर्मदा,
बहती सुन्दर धारा है।
देश हमारा सबसे प्यारा…
आज हिमालय भी गाता है,
देश-प्रेम मीठी वाणी।
वीर शहीदों की कुर्बानी,
दे दी जो अपने पाणी॥
हेमराज उत्तुंग शिखर जो,
रक्षक प्राण अधारा है॥
देश हमारा सबसे प्यारा…
जाति-पाँति का भेद नहीं है,
रहते भाई-भाई हैं।
हिन्दू-मुस्लिम गले मिले हैं,
साथी सिक्ख-ईसाई हैं॥
मंदिर मस्जिद है गुरुद्वारा,
गिरिजाघर भी प्यारा है॥
देश हमारा सबसे प्यारा…॥