नारी का योद्धा रूप

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी सदा स्वयंसिद्धा है, कर्म निभाता नारी जीवन।देकर घर-भर को उजियारा, नित मुस्काता नारी जीवन॥ कर्म निभाती है वो तत्पर, हर मुश्किल से लड़ जाती।गहन निराशा का मौसम हो, तो भी आगे बढ़ जाती॥पत्नी, माँ रूपों में सेवा, फूल खिलाता नारी जीवन।देकर घर-भर को उजियारा, नित मुस्काता नारी जीवन…॥ संस्कार सब … Read more

नजरिया बदलना होगा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** अस्तित्व बनाम नारी (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष)… नजरिया,बदलना होगातभी होगी तरक्की,महिला संसारहमारा। सोंच,बदल लीखुश हो बढ़ेगी,नारी बढ़ीबुलंदी। नारी,अनमोल कृतिईश्वर का रूप,जुल्म नहींप्रेम। समानता,सदा दीजिएस्नेह सहयोग दिया,घर-आँगनमुस्काएगा। उपेक्षा,मत करोवो चाहे उड़ना,साथ दोसंघर्ष। त्याग,उसका जीवनसबको लेकर चलती,हाथ थामोसदा। अवसर,चाहती समानउड़ने की आरजू,आगे बढ़ाओहाथ। उड़ाओ,रसोई बाहरकरेगी कोई कमाल,मौका तलाशतीजननी। रखो,पूरा भरोसापा लेगी मंजिल,ऊँची उड़ानआसमान। कौशल,उसकी … Read more

महिला दिवस का औचित्य!

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* अस्तित्व बनाम नारी (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस)… लो आ गया फिर महिला दिवस,जी भर के आज मनाओ दिवससब मिल पूजा करो, आरती करो,कविता लिखो और वंदना करोउसकी हर जरूरत तुम पूरी करो,फिर कल से तुम अत्याचार करो। समझो एक दिन का है ये उत्सव,जी भर के तुम मनाओ महोत्सवलम्बे-चौड़े फिर … Read more

‘अमृत काल’ में नारी का जीवन भी अमृतमय बने

ललित गर्ग दिल्ली************************************** ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ विशेष…. महिलाओं की भागीदारी को हर क्षेत्र में बढ़ावा देने और महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए हर वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाता है। महिला अधिकार कार्यकर्ता रहीं क्लारा जेटकिन ने १९१० में इस दिवस की बुनियाद रखी थी। इस दिन पर सामाजिक, … Read more

‘सहज, सरल, सुलभ संत श्री दादू महाराज’ का विमोचन १० मार्च को

hindi-bhashaa

इंदौर (मप्र)। गजासीन शनि धाम अधिष्ठाता और प्रसिद्ध शनि उपासक महामंडलेश्वर दादू महाराज के मूल्यों एवं जीवन चरित्र पर पुणे के लेखक विजय विश्वरूप द्वारा लिखित पुस्तक ‘सहज, सरल, सुलभ संत श्री दादू महाराज’ का विमोचन समारोह १० मार्च रविवार को रखा गया है।मध्यप्रदेश शासन के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय यह विमोचन करेंगे।धाम की ओर से … Read more

दु:ख-सुख में ढाल है नारी

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* अस्तित्व बनाम नारी (महिला दिवस विशेष)… सृजन है नारी,सजनी है नारीअन्नपूर्णा है नारी,जन्मदात्री है नारी। शक्ति है नारी,भक्ति है नारीकभी मोहिनी तो,कभी दामिनी। घर की शोभा नारी,बाहर की आभा नारीसुर, ताल, नृत्य में पारंगत नारी,पाक कला हो या ललित कलाहर दिशा में परिपूर्ण नारी। खेल-कूद हो या देश की रक्षाइसमें भी … Read more

क्यों छोटी सोंच तुम्हारी ?

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** अस्तित्व बनाम नारी (महिला दिवस विशेष)… अबला नहीं हम सबला हैं,क्यों छोटी सोंच तुम्हारी है ?राधे-श्याम और सीता-राम,सदियों से आगे नारी है। माँ बहन और बेटी देखो,भार्या भी बनी सहचारी हैचल ना सकोगे दो कदमये अपनी भी लाचारी है। मकान को हम घर बनाएं,फिर भी अपनी कदर नहींएक-दूजे के पूरक हैं हम,घर … Read more

कोयल मीठा गीत सुनाए

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* फागुन का है मस्त महीना,अब झूम रहे नर-नार सभी।हँसी-खुशी से जीवन बीते,सुख का हो अहसास अभी॥बीत चला है माह शीत का,लगे धूप भी अब अलसाए।लगती है ये धरा सुनहरी,कोयल मीठा गीत सुनाए…॥ कण-कण में यौवन छाया है,मस्ती भरी हवा बहती है।महक उठी है अमराई भी,हरी-भरी धरती कहती है॥पुष्प-पुष्प पर भ्रमर घूमता,मानो … Read more

आस्तित्व के लिए संघर्ष जारी रखें महिलाएँ

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ अस्तित्व बनाम नारी (महिला दिवस विशेष)… ‘निर्भया’ कांड के बाद से वर्तमान समय में ऐसा सैलाब उमड़ पड़ा है कि, नारी सुरक्षा को लेकर हर शहर-गाँव में महिलाओं के प्रति जनजागरण किया गया और सामाजिक बुराइयों के प्रति सभी एकसाथ आगे आए। नारी शक्ति व सुरक्षा के लिए कई कानून … Read more

नियति विशालता जानती है स्त्रियाँ

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* अस्तित्व बनाम नारी (महिला दिवस विशेष… समझ रही हैं स्त्रियाँ,बदल रही है बेटियाँरास्ता उन्हें स्वयं है बनाना,स्वयं को उन्हें है तराशनापढ़ रही हैं बेटियाँ गुन रहीं हैं बेटियाँ…! अनेक संघर्षों से हैं उन्हें जूझना,चुनौतियों को जान रही है बेटियाँपग-पग जागृति हैं वे बढ़ रही,बाधाओं से अब रूकना नहींतत्पर हो उठ … Read more