सत्कर्म ही मुक्ति का मर्म

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** जल्दी जाने की आपा-धापी में,बेचारा मन बेचैन हो चला हैकहीं पीछे ना रह जाऊँ सबसे,यही भाव अब मन में खला है। सोचकर यही बचपन में खूब दौड़ा,पढ़-लिखकर शीघ्रता से आगे बढ़ातनिक मर्म को समझा तर्क को जोड़ा,मुड़कर ना देखा आगे ही आगे बढ़ा। छूटा बचपन आई जवानी नई कहानी,काम, काम, … Read more

ये जरूरी तो नहीं

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** वफ़ा के बदले वफ़ा मिले जरूरी तो नहीं,हर वक्त इश्क में जज़्बात ज़रूरी तो नहीं।दिल के अरमानों को ज़रा बचा के रखना-कोई अपना-सा मिले ये जरूरी तो नहीं॥ परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में … Read more

भुगतना पड़ेगा सबको

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ‘विश्व वन्य जीव दिवस’ (३ मार्च) विशेष… उपयोग,करना बेहतरदुरूपयोग मत करो,प्रकृति अपनीसमझो। दोहन,सदा बुरास्वार्थ छोड़ दो,अपना लोगंभीरता। इंसान,तथाकथित विकासप्रगति का पैमानाखराब होगा,भविष्य। मुसीबत,आएगी खूबभुगतना पड़ेगा सबको,कौन जिम्मेदार ?विनाश। पर्यावरण,बहुत दुर्लभदोबारा मिलना कठिन,इसे बचानाप्राथमिकता। धरती,आपसी रिश्ताजीव-जंतु जरूरी,नहीं बचेनुकसान। जैवविविधता,धरा खूबसूरतीपरस्परता ही जीवन,एक मिटाअसंतुलन। विलुप्ति,हमें खतराबढ़ेगा नकारात्मक असर,गिरावट रोकोसम्भलो। अस्तित्व,बचाए रखनाआज बड़ी चुनौती,यही इंसानियतमानवता। … Read more

स्वार्थ त्यागो, वन्य जीवों की रक्षा जरूरी

ललित गर्ग दिल्ली************************************** ‘विश्व वन्य जीव दिवस’ (३ मार्च) विशेष… अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का अंधाधुंध दोहन करने में डूबे इंसान को अब यह अंदाजा ही नहीं रह गया है कि, उसने अपने साथ-साथ लाखों वन्य जीवों के लिए इस धरती पर रहना कितना दूभर कर दिया है। तथाकथित विकास एवं स्वार्थ के नाम … Read more

विकसित देश कैसे बनेगा!

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** विकसित कैसे देश बनेगा।भारत कैसे आज बढ़ेगा॥जब सच्चे पथ होगें नेता।कहलाएँगे वहीं प्रणेता॥ लोकतंत्र का मान घटाते।मंत्रीपद का मान गिराते॥जन जनता से मत है मांगें।पीर देखकर नेता भागे॥ लागू जीएसटी सुशिक्षा।मुफ्त नहीं अब अपनी दीक्षा॥लूट रहे हैं जनता जन को।आंको इनके काले मन को॥ डीजल अरु पेट्रोल बढ़ाते।जन जनता को दीन … Read more

तेरा-मेरा सपना

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* तूने दिखाया कल एक सपना,सागर के किनारे घर है अपना। मैंने भी देखा आज एक सपना,पर्वत के पार घर है एक अपना। होंगे अरमान जब दोनों के पूरे,तब ही लेंगे हम दोनों आठ फेरे। जन्म-जन्म का होगा तब साथ,मधुर मिलन की तब होगी बात। बसाएंगे तब एक सुंदर-सा संसार,सागर … Read more

हसीं लम्हें हम चुराने आ गए

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कुछ हसीं लम्हें तुम्हारे, हम चुराने आ गए,कुछ खुशी मुखरे तुम्हारे, हम दिलाने आ गए। कुछ गमों जख़्मों-सितम हमारे भुलाने आ गए,कुछ लम्हें दिल की वफ़ाई गुदगुदाने आ गए। हम भूले जो भी मोहब्बत फिर जगाने आ गए,हम समझे दर्दे-दिली दास्ताँ सहलाने आ गए। हम वक्त की नज़ाकत को … Read more

मुफ्त की चाय

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ************************************************ आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद आज मेवालाल बेहद खुश था, क्योंकि फुटपाथ पर लेटे-बैठे ठंड से ठिठुरते लोगों को मुफ्त में चाय पिलाने की तमन्ना आज पूरी जो हो रही थी, उसकी इस अप्रत्याशित उदारता को देख परिचित बुजुर्ग ने पूछ ही लिया-‘मेवालाल ! मुझे मालूम है इस चाय की गुमटी … Read more

मंदिर में बैठे भगवान

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* कहने को तो मंदिर में भगवान बसते हैं,फिर भी गरीब दो जून रोटी को तरसते हैं। समाज में कितना फैला अंधविश्वास है,फिर भी ‘मंदिर में बैठे भगवान’ पर विश्वास है। यह कैसी विडम्बना है धर्म-कर्म के नाम पर,ऊँच-नीच का भेद समाया हर जन की जुबान पर। अमीर-गरीब में फर्क करते हैं … Read more

झांसी में इंदौर के लेखक मुकेश तिवारी सम्मानित

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इंदौर (मप्र)। झांसी (उप्र) में बुधवार को आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में विचार प्रवाह साहित्य मंच, इंदौर के अध्यक्ष मुकेश तिवारी को सम्मानित किया गया। माधवी फाउंडेशन (लखनऊ) और विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट) (आगरा के बैनर तले ‘राम काव्य में मूल्य चेतना’ विषय पर यह संगोष्ठी राजकीय संग्रहालय के सभागृह में हुई।वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. मिथिलेश दीक्षित … Read more