मनचाही वस्तु

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मनचाही वस्तु मिले, हो अपार आनंद।खुशियाँ महकाए हृदय, खिले सुयश मकरंद॥ मनचाहा पौरुष सदा, पाए नित संघर्ष।पग-पग बाधा राह में, तब होता उत्कर्ष॥ तन-मन…

Comments Off on मनचाही वस्तु

मित्र मेरा

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* 'मित्र',मित्र सब कहेंमित्रता का मर्म,जाने नहीं कोयमित्र,मित्र को दिल सेपरख लो ना,शत्रुता नहीं होय। 'मित्र',दिल दुखा केशुभकामना देना,यह उचित नहीं है'मित्र'मित्रता करना,पर निभा लेनाऔर खुश रखना।…

Comments Off on मित्र मेरा

वतन

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:३२ वर्णों के ४ समतुकांत चरण, १६-१६ वर्णों पर यति अनिवार्य, जबकि ८, ८, ८, ८ पर यति उत्तम। संयोजन-२ २ २ २, ३, ३ वतन…

Comments Off on वतन

समाज को नई दिशा देता है साहित्य

गाजियाबाद (उप्र)। साहित्य ही समाज को नई दिशा देता है। साहित्य समाज का दर्पण है। यह बात तहसीलदार तितिक्षा जोशी ने 'शिव कब्या' समेत अनेक पुस्तकों का विमोचन करते हुए…

Comments Off on समाज को नई दिशा देता है साहित्य

संविधान से ‘इंडिया’ नाम को हटाया जाए।

ई-संगोष्ठी... मुंबई (महाराष्ट्र)। विपक्ष के गठबंधन द्वारा 'इंडिया' नाम रखे जाने के कारण भारत और इंडिया' का मुद्दा एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है। वैश्विक हिंदी सम्मेलन…

Comments Off on संविधान से ‘इंडिया’ नाम को हटाया जाए।

आत्म-गौरव के रूप में स्वीकारें वृद्धों को

ललित गर्गदिल्ली************************************** 'विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस' समाज एवं परिवार के निर्माण की दिशा में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा किए गए प्रयासों को मान्यता देने के लिए मनाया जाने वाला एक प्रयोजनात्मक…

Comments Off on आत्म-गौरव के रूप में स्वीकारें वृद्धों को

देश हमारा प्यारा

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* देश हमारा भारत प्यारा,सब देशों से न्यारा है। कल-कल बहती नदियाँ हैं,पर्वत ऊंचे विशाल पहाड़ हैं। भाषा अनेक, बोली अनेक,धर्म मजहब सब प्यारा है।…

Comments Off on देश हमारा प्यारा

रोटी और चाँद

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** रोटी ने चाँद से कहा-तू आसमान का चाँद है,तो मैं इस धरती का,तू अपनी चाँदनी भूमंडल परफैलाता है,तो मैं अपनी चमकउन क्षुधार्थ प्राणी केनैनों में फैलाती हूँ।तेरी…

Comments Off on रोटी और चाँद

मीरा-श्याम दीवानी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* थी दीवानी श्याम की, मीरा जिसका नाम।जो युग-युग को बन गई, हियकर अरु अभिराम॥ पिया हलाहल,पर अमर, पाया इक वरदान।श्रद्धा से तो मिल गई, जीवन को…

Comments Off on मीरा-श्याम दीवानी

विविधता में एकता के साधन

एस.अनंतकृष्णनचेन्नई (तमिलनाडु)******************************* विद्वान विविध,विचार विविधपंथ विविध,एकता शांति प्रेमश्रद्धा भी विविध। चींटियों की कतार,कौओं की एकतामक्खियों का भिनभिनाना,मधुमक्खियों की एकतारानी मक्खियों के पीछे चलना। भेड़ियों का साथ चलना,सिंह का एकांत गंभीरफलों…

Comments Off on विविधता में एकता के साधन