तुझ पर कविता लिखूं!
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* लिखूं क्या कोई कविता तुझ पर ?पवित्र मन की ये रंगीन कलम सेदिल के कोमल नरम कागज पर,लिखूं क्या कोई कविता तुझ पर…? तेरे…
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* लिखूं क्या कोई कविता तुझ पर ?पवित्र मन की ये रंगीन कलम सेदिल के कोमल नरम कागज पर,लिखूं क्या कोई कविता तुझ पर…? तेरे…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** मेरे देश का जज्बात है हिन्दी,कहने को आजाद है हिन्दीभारत में अब भी फसाद है हिन्दी,दक्षिण में उल्टी-सी बात है हिन्दी। उर्दू के कारण आघात…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* रूका हुआ आलम है, रुठी है जिन्दगी,कैसा है फलसफा बेगानी है बन्दगीचुपके से आ रही है बेरुखी,ज़हन में छाई हुई है दीवानगी। वक्त ने किया इस…
सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** पावन सावन-मन का आंगन... सावन पावन मास में, रिमझिम पडे़ फुहार।रम्यता खिली प्रकृति में, हो शिवकृपा अपार॥ श्रावण आया चल चले, महाकाल के धाम।कावड़…
श्रीनगर (उत्तराखंड)। वर्षा जल संचयन एवं जल संरक्षण विषय पर केंद्रित पुस्तक को राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की (भारत सरकार) द्वारा प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है। तकनीकी पुस्तक…
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** जो व्यक्ति कररहा होता है सफर,उसे ही हमकहते हैं मुसाफिर। इस दुनिया में हममुसाफिर हैं,मगर हमने यहाँ केस्थायी निवासी की,गलतफहमी पाल ली है। यदि अच्छा…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* उन्मुक्त उड़ानें भरने को, अन्तर्मन विहग मचलता है,अभिलाषा मन गुलज़ार गगन, खुशियाँ कल्लोल चहकता है। आधार खुशी उन्मुक्त क्षितिज, मुस्कानों से भर जाता है,संकल्प…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** देवाधिदेव महादेव के बारे में कुछ भी कहना, सुनना, सुनाना, जानना, समझना- समझाना सूरज के सामने दीपक दिखाने जैसा ही मानना चाहिए । महर्षि वेदव्यास जी २४…
पटना (बिहार)। ममता मेहरोत्रा की पुस्तक के विमोचन, शास्त्रीय नृत्य और नाटक के मंचन से सम्मान समारोह की शुरुआत की गई। सामयिक परिवेश के ८वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर आदिशक्ति…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** सत्ता होती है बेकाबू तब तक,जब तक जनता मदहोशी में सोती हैइतिहास गवाह है धनवानों को कितनी,पीड़ा गरीब-मजलूमों की होती है ? जनता जब जागेगी तो…