हेमराज ठाकुर
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
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सत्ता होती है बेकाबू तब तक,
जब तक जनता मदहोशी में सोती है
इतिहास गवाह है धनवानों को कितनी,
पीड़ा गरीब-मजलूमों की होती है ?
जनता जब जागेगी तो तभी सवेरा,
सत्ता भी तो तब काबू में आएगी
यह गुड़ में जहर की साजिश सत्ता,
जनता पर सदा सदा ही आजमाएगी।
खामोश रह कर तो कोई बात न बनेगी,
मुद्दा तो जनता को अपना उठाना होगा
लोकतन्त्र है भाई यह आजाद भारत का,
जनता को मत का बल तो दिखाना होगा।
हम करने चले हैं हुड़दंग ही बस निरा,
मुद्दे की बात ही कहाँ कोई करता है ?
जन सरोकारों की है चिन्ता ही किसको ?
हर कोई निज स्वार्थ की खातिर लड़ता है।
देश डूबे तो वह अपनी बला से,
देश की किसको यहाँ चिन्ता है ?
पक्ष-विपक्ष और जनता सबमें,
निज घोर स्वार्थ की ही हीनता है।
लाखों की लेते पगारें हैं अधिकारी,
फिर भी घूस लेते भिखारी से फिरते हैं
ठेकेदार को भी तो अपनी ही पड़ी है,
तभी तो पुल बनाते ही कई गिरते हैं।
जागो जनता गर जाग सको तो,
स्वार्थ की नींद को भगाना होगा।
वरना भ्रष्टाचार में डूबता देश है,
इसे मिलकर आज बचाना होगा॥