माता-पिता

आशीष प्रेम ‘शंकर’ मधुबनी(बिहार) ************************************************************************** माँ की ममता पिता का प्यार, न जग में है इसका सार माँ का आँचल गले का हार, पिता ही बेटे का श्रृंगार। माँ करुणामयी…

0 Comments

काश! पुनः लौटकर प्यारा बचपन आता

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** काश! पुनः लौटकर वह प्यारा बचपन आता, ठुमुक-ठुमुक चलते हुए पाठशाला जाता। गुरूजी का डण्डा देख मन में सकपकाता, छिप-छिपकर कक्षा में कुछ न कुछ…

0 Comments

छोटे बच्चे हैं हम..

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. कच्चे हैं हम,मगर सच्चे हैं हम, प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे हैं हम… प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे हैं हम। गुलशन…

0 Comments

सुनहरे भविष्य के सपने

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. कालू की आँखों से आँसू बह रहे थे। वह सामने पड़े समाचार-पत्र के मुख्य पृष्ठ पर छपे…

0 Comments

बचपन क्या था

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** याद आ रहे हैं हमें, वो बचपन के दिन। जिसमें न कोई चिंता, और न ही कोई गम। जब जैसा जहां मिला, खा-पी हो गए मस्त।…

0 Comments

बाल दिवस

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. छोटे बच्चे ये दुलारे,कितने सलोने हैं ये, भोली मुस्कान इनकी,प्यार समझाइए। जैसा हम सँवारेंगे,वैसे बन जायेंगे ये, देना संस्कार इनको,जिंदगी संवारिए।…

0 Comments

बच्चे तो आखिर बच्चे

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’ दिल्ली(भारत) ************************************************************ विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. बच्चे तो आखिर बच्चे होते हैं, थोड़े नटखट,थोड़े चंचल होते हैं। बात हमेशा ये सच्ची ही करते, झूठ,फरेब…

0 Comments

बचपन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. बाल दिवस पर विश्व में, हों जलसे भरपूर। बच्चों का अधिकार है, बचपन क्यों हो दूर॥ कवि,ऐसा साहित्य रच, बचपन हो…

0 Comments

बच्चे का आक्रोश

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. नही ताहिए धोले हाती मुदतो ललने दाना है, थीमा पल दातल बैली तो मुदतो थबत थिताना है। तुम मुदतो…

0 Comments

एकलव्य-सा लक्ष्य रखो

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. प्यारे बच्चों बाल दिवस, पर अनंत बधाई। बच्चे होते सबसे न्यारे, बच्चे सबके राज दुलारे। दिल उनका होता है साफ,…

0 Comments