राजनीतिक गुस्से का प्रतिशोध प्रतिमाओं से क्यों ?

अजय बोकिल भोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** राजनीतिक आक्रोश या हताशा का प्रतिशोध महापुरूषों की प्रतिमाओं से लेना नई बात नहीं है,लेकिन देश की राजधानी नई दिल्ली में प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू)…

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दिल ना दुखाना

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** बात बहुत जरा होती है, छुपती उभरती रहती है मैंने तुमको अपना माना, देखो मेरा दिल ना दुखानाl     अभी नया है प्यार हमारा, नई-नई…

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‘विश्व बाल दिवस’ पर बड़ी स्पर्धा,१७ तक प्रविष्टी का मौका

नवोदितों को जीतने का विशेष मौका........ इंदौर। लोकप्रिय मंच हिंदीभाषा डॉट कॉम (पोर्टल) से जुड़े सभी रचनाशिल्पियों (पंजीकृत सदस्य) और नवांकुरों के लिए स्पर्धा का क्रम सतत जारी है। इसी…

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मजदूर या मजबूर…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** बैठा है इंतजार में, कृपा की तुम्हारे। भूखी आशा से, हर आने-जाने वाले को निहारे। हाथ में पकड़े है, कपड़े में बंधी…

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बिरसा मुंडा हैं आदिवासी तेजस्विता के नायक

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* बिरसा मुंडा जन्म जयन्ती-१५ नवम्बर विशेष.... किसी महापुरुष के कार्यों,अवदानों एवं जीवन का मूल्यांकन इस बात से होता है कि उन्होंने राष्ट्रीय एवं सामाजिक समस्याओं का…

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दिल जीत लेते हैं

सूरज कुमार साहू ‘नील` भोपाल (मध्यप्रदेश) ***************************************************************** हम वो लोग हैं जो अक्सर दिल जीत लेते हैंl अनजान हो या अपना,कर प्रीत लेते हैंl परिभाषा हमें प्यार की मत तुम…

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फंसना न इनके दांव में

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ कोयल की कुहू-कुहू कभी कौए की कांव-कांव में। पथ भटके हुओं की मंजिल न किसी गाँव में। दर-दर ठोकरें खायी,हुए पसीने से तर-बतर, थोड़ा ठहरो…

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मीरा उवाच

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** प्रीत प्रतीत परम प्रिय पावन,प्रिय पुनीत पुनि प्राण पखेरू। केहि विधि नेह जतावहु कान्हा,मैं पदरज तुम विकट सुमेरूll धरी अधर मुस्कान पिया हित,छलकत नीर नयन…

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शांति निकेतन

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग ५..... श्रीनिकेतन क्षेत्र में स्थित 'सृजनी शिल्पग्राम' की चर्चा के बगैर शांति निकेतन यात्रा का संस्मरण पूरा नहीं हो सकता...l भव्य प्रवेश द्वार,…

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काश! ऐसा होता!

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** कोई ना किसी को दु:ख देता, व्यवहार से मन को हर लेता नर के गम को नर हर लेता, सभी हँसते कोई ना रोता... काश!…

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