बचपन की यादें
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* बचपन की यादें सुखद, दें मीठे अहसास।बचपन के दिन थे भले,थे बेहद ही ख़ास॥ दोस्त-यार सब थे भले, जिनकी अब तक याद।कुछ ऊँचे अफ़सर बने, वे…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* बचपन की यादें सुखद, दें मीठे अहसास।बचपन के दिन थे भले,थे बेहद ही ख़ास॥ दोस्त-यार सब थे भले, जिनकी अब तक याद।कुछ ऊँचे अफ़सर बने, वे…
कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** स्वच्छ जमीन-स्वच्छ आसमान... हरित धरा नव पुलकित सुंदर,खुशहाली लाए मन भर कर। दुल्हन-सी धरती का भेष,देख रहा हूँ मैं अनिमेष। किन्तु मुझको डर लगता है,वृक्ष कोई…
सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** निर्जीव हूँ,पर जानदार हूँदमदार भी,चलता भी हूँअपने मुताबिक किसी के,तनिक इशारों पर। ना किसी से,जान-पहचान एककि बोर्ड से,निरंतर चलता हूँबुद्धिजीवी की उंगली के,तनिक इशारों पर। मैं वही…
उज्जैन (मप्र)। 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर हिंदी साहित्य भारती उज्जैन जिला इकाई द्वारा पर्यावरण चेतना आधारित काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। शुभारंभ में रश्मि बजाज द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत…
हैदराबाद (तेलंगाना)। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था (हैदराबाद) एवं केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, (हैदराबाद) के संयुक्त तत्वावधान में उद्घाटन समारोह एवं कवि सम्मेलन ११ जून को होगा। इस अवसर पर श्रीमती…
रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** स्वच्छ जमीन स्वच्छ आसमान... खगोलीय दृष्टि से देखा जाए तो हमारा विश्व सौर मंडल की गतिविधि एवं आकर्षण से एक-दूसरे के साथ बँधा हुआ है, जिसे भूमंडल…
मुम्बई (महाराष्ट्र)। 'वैश्विक हिंदी सम्मेलन' तथा 'जनता की आवाज फाउंडेशन' सहित कई संस्थाओं द्वारा लंबे समय से भारत देश के नाम के साथ लगे 'इंडिया' नाम को हटाने के लिए…
हैदराबाद (तेलंगाना)। केंद्रीय हिंदी संस्थान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद तथा विश्व हिंदी सचिवालय के तत्वावधान में वैश्विक हिंदी परिवार की ओर से रविवार ११ जून को शाम ६ बजे (भारतीय समय)…
खगड़िया (बिहार)। चन्द्र नगर की प्रखर साहित्यकार और हिंदी प्राध्यापिका डॉ. विभा माधवी का रविवार को हृदयगति रुकने से निधन हो गया। उनके असामयिक निधन पर भारतीय युवा साहित्यकार परिषद…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** गुलजार नये मयखाने के, पीछे इक मंदिर पुराना है,मंजर बतलाने का मक़सद, नशे से तुमको जगाना है।जंग बनी गुलजार जिंदगी, आ चल दें पीछे वीराने में-रख छोड़ा…