‘मिर्जापुर २’ के सामने बाकी पटाखे फीके

इदरीस खत्रीइंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************************** काले कपड़े कैसे खादी की आड़ में सफेदपोश हो जाते हैं,शतरंज का पूरा खेल राजा अपने सिपाहियों पर लड़ता है लेकिन रानी की एक चाल पूरी बाजी पलट देती है,अपराध और राजनीति कैसे अठखेलियाँ करती है भारत में,इन्हीं मुद्दों को धीमे से दर्शाती है ‘मिर्जापुर २’ श्रंखला। यह एक संजीदा सवाल है,न कि … Read more

राम का नाम पावन

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************** बुराइयों का आज अंत हो,खुशियां चहुंओर अनंत हो। मन के भाव सदा निर्मल रहे,रक्षा को तत्पर हनुमंत हो। प्रेम सुधा रस तन-मन बरसे,भीतर से हर कोई संत हो। जीवन में आएं खुशियों के मेले,दुखों का न ही कोई कृदंत हो। मुख से निकले नाम राम का,आशाएं सारी की सारी फलंत हो। … Read more

जनहित में धर्ममय राजनीति महती आवश्यक

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** ‘राजनीति’ एक ऐसा क्षेत्र है,जो‌ समाज को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष सर्वाधिक प्रभावित करता है। ऐसी स्थिति में यदि राजनीति की दिशा और दशा सही नहीं होगी तो समाज को भारी क्षति पहुँचेगी। इस कारण धर्मतंत्र को चाहिए कि वह ‘राजनीति’ पर नजर रखे तथा उसके भटकाव को रोके। उसका मार्गदर्शन करे,जन-जागरण करे, … Read more

बेटी बचाओ,खुशी पाओ

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** नसीब वाले होते हैंवो घर-परिवार,जहाँ जन्म लेतीहै बेटी।परिवारों की जानहोती है बेटी,घर की लक्ष्मीहोती है बेटी।सुसराल में सीतादुर्गा होती है बेटी,दो कुल की शानहोती है बेटी॥ बेटी के स्नेह कोकभी आजमाना नहीं,वह फूल है उसेकभी रुलाना नहीं।पिता का तो गुमानहोती हैं बेटी,जिन्दा होने कीपहचान होती है बेटी।उसकी आँखें कभीनम न होने देना,उसकी … Read more

असफ़लता हमारी गुरु

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* जीवन पथ कीदुर्गम डगर पर,चलना पथिकसम्भल कर।पग-पग परमिलती है ठोकरें,पहुँचना चाहते होमंज़िल तक,तो कभी हालातों सेडरना नहीं।गिर भी जाओ तोकोई बात नहीं,पर गिरे ही मत रहनाउठ जाना औरसोचना क्यों गिरे ?जीवन मेंपग-पग पर,देने पड़ते हैं इम्तहांकभी सफ़ल तो,कभी असफ़ल…।कभी अपनीसफ़लता का अंहकार,न करनाऔर कभी अपनी,असफ़लता सेनिराश मत होना।कारण ढूंढना आख़िरअसफ़ल क्यों हुए … Read more

‘आरआरआर’ का ट्रेलर प्रदर्शित

इदरीस खत्रीइंदौर(मध्यप्रदेश)******************************************************* ‘आरआरआर’ फिल्म का ट्रेलर (विज्ञापन या टीजर) प्रदर्शित हो गया है। पहले ट्रेलर में राम चरण,दूसरे में जूनियर एन.टी. आर. दिखाई दिए हैं। *फ़िल्म से पहले चर्चा-दुनिया में आसान लफ़्ज है दोस्ती,जो छोटा सही,पर इसे हम ख़ुद चुनते हैं। रिश्ते तो कुदरत बनाती है,पर दोस्ती हम चुनते हैं और हम ही सहेजते,पालते, पोसते … Read more

देवी कुष्मांडा

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’कोटा(राजस्थान)************************************************** दिवस चार का यह नवराता,कुष्मांडा देवी माता,एक अंड से ब्रह्मांड सकल,जाना उपजाया जाता। अपनी मन्द हँसी ही लेकर,सकल जगत है जन्माया,माता तेरी लीला न्यारी,कौन जान अब तक पाया। रोग शोक को हरने वाली,तेरे दर्शन काफी है,पापमुक्त हो जाता पल में,जो भी मांगे माफी है। हे माता जिसके हाथों से,जब प्रसाद चढ़ … Read more

वे मुझे रात भर याद आते रहे

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरीकुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** वे मुझे रात भर याद आते रहे,और लम्हें सभी मुस्कुराते रहे। भूलकर वे कभी याद करते नहीं,इश्क़ में क्यों उन्हें गुनगुनाते रहे। इक सनम के लिए पागलों की तरह,क्यूँ भला आँसुओं में नहाते रहे। एक कोने में कोई सिसकता रहा,संगदिल थे सभी आते-जाते रहे। आस में आगमन के तुम्हारे सनम,रोज़ … Read more

मन का हवन

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** क्या-क्या आशाएं हैं मन में भीतर झाँको मनन करो,स्वाहा का उच्चारण करके अपने मन का हवन करो। क्या चाहत ईश्वर से तुमको,यह सोचो और चयन करो,याद करो अपने मालिक को और बाद में शयन करो। फंसा हुआ है तन-मन अपना मोह माया के चक्कर में,अहंकार-लोभ-लालच सब अंतर्मन से दफन करो। राह … Read more

रावण का पुतला तो फूंक दिया,राक्षसी वृति को कौन फूंकेगा

डॉ.प्रभात कुमार सिंघलकोटा(राजस्थान)************************************ विजया दशमी विशेष…………. सदियों से हम बुराई और राक्षसी वृति के प्रतीक रावण के पुतले का कभी वध कर कभी फूंक कर बुराई का अंत कर दशहरा मनाते आ रहे हैं। रावण का पुतला फूंकना तो बुराई के अंत का प्रतीक मात्र है। दिन-ब-दिन समाज में सुरसा के मुँह की तरह बढ़ … Read more