गुलों के नगर में

अरशद रसूलबदायूं (उत्तरप्रदेश)**************************************************** जहां दूर तक कोई साहिल नहीं था,मैं दरिया-ए उल्फत में डूबा वहीं था। गुलों के नगर में जो गोशा नशीं था,बड़ा खूबसूरत वह बेहद हसीं था। यह इंसाफ दुनिया का अच्छा नहीं था,बहारें वही थी,जहां हमनशीं था खबर ही नहीं थी पता ही नहीं था,सितमगर हमारे ही घर में मकीं था। तसव्वुर … Read more

मन की बात

देवश्री गोयलजगदलपुर-बस्तर(छग)********************************************** सिर्फ जल ही अर्पित नहीं करती स्त्री प्रभु चरण में…,स्वेद,अश्रु भी मिले होते हैं उसके उस जल में…। सिर्फ सपुष्प ही अर्पित नहीं करती स्त्री प्रभु चरण में…,शुद्ध भाव भी समर्पित होते हैं उस पुष्प में…। सिर्फ दीप ही नहीं जलाती स्त्री प्रभु की भक्ति में…,अपना विश्वास आस्था भी समर्पित करती है…। सिर्फ … Read more

मुद्दे उठाए जाते हैं

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)********************************************************* मेरे देश में,मुद्दे उठाए जाते हैं।जिंदगी के असल सच से,लोगों के ध्यान हटाए जाते हैं। घटना को,घटना होने के बाददेकर दूसरा ही रुख।असल घटनाओं पर,पर्दे गिराए जाते हैं।मेरे देश में…मुद्दे… जिंदगी किन,हालातों में बसर करती है।पंचवर्षीय सरकारों में,अमीर-गरीब के मापदंडों मेंमध्यवर्ग को,बस वायदे ही थमाए जाते हैं।मेरे देश में…मुद्दे… जागें…असल पहचानिए,जो … Read more

भारतेंदु हरिश्‍चंद्र का लोकोत्‍तर कार्य आज भी प्रासंगिक-कुलपति

राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी…. वर्धा(महाराष्ट्र)l भारतेंदु हरिश्‍चंद्र स्‍वतंत्रता आंदोलन को गति देने वाले योद्धा थे। उन्‍होंने अपनी लेखनी से भारतीय साहित्‍य और पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया। भारतेन्दु जी द्वारा पांच वर्ष की आयु में लिखी गई कविता हिन्दी साहित्य के लिए मंगलाचरण मानी जा सकती है। २३-२४ वर्ष की आयु में भारतेन्दु ने एक ऐसे … Read more

बेटी

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************************* बिदा हो के जब तू गई बेटी,आँखें लगे जैसे समंदर है कोईआँसू बहते जाते हैं धार रुकती नहीं,वर्षों से तू मेरे आँगन में खेलीअब लग रहा तेरी माँ हो गई अकेली,तेरे मिलन की ही मन को आस रहती है…जैसे सालों से स्नेह की ‘प्यास’ बाकी है।भाई-बहन अब तेरे लड़ना भूल गए,बस तेरी … Read more

हिन्दी प्यारी है हमें

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ******************************************************* हिंदी प्यारी है हमें,यही हिन्द की शान।हमको इस पर गर्व है,यह भारत का मान॥ स्वभाषा अपनाकर हम,करें हिन्द सम्मान।हिंदी भाषा हिन्द की,बढ़ा रही है शान॥ आजादी के यज्ञ में,हिंदी का है योग।निज भाषा से उन्नती,परभाषा है रोग॥ निज भाषा अपनाइये,रखो उसी का ध्यान।हमको इस पर गर्व है,मातृभूमि कीआन॥ गर्व करो निजभाष … Read more

शिक्षा की भाषा और भाषा की शिक्षा

प्रो. गिरीश्वर मिश्रदिल्ली********************************************************** जीवन व्यापार में भाषा की भूमिका सर्वविदित हैl मनुष्य के कृत्रिम आविष्कारों में भाषा निश्चित ही सर्वोत्कृष्ट हैl वह प्रतीक(अर्थात कुछ भिन्न का विकल्प या अनुवाद!)होने पर भी कितनी समर्थ और शक्तिशाली व्यवस्था है,इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि,जीवन का कोई ऐसा पक्ष नहीं है जो भाषा से अछूता होl … Read more

गुलाब को कुछ और कह लें…वह गुलाब ही रहेगा!

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ********************************************************** अच्छा हुआ जो शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश में जिला संग्राहक(कलेक्टर)का पदनाम बदलने की एक गैरजरूरी कोशिश को तिलांजलि दे दी। सरकार ने इस काम के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति को भी भंग कर दिया। दरअसल,यह एक अनावश्यक मशक्कत थी,जो पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार करना चाहती थी,क्योंकि संग्राहक पदनाम बदलना न तो ‘औरंगजेब रोड’ … Read more

नेता

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)************************************************* (रचना शिल्प:१३ मात्रा(दोहे के विषम चरण की तरह)वाले तीन चरणों से निर्मित,व्यंग और कटाक्ष के लिए लेखन,५ प्रकार के होते हैं) नेता(पूर्व जनक छंद-प्रथम दो चरण सम तुकांत हो)- राजनीति चलती सखे।नित्य नियम रिश्वत रखे।मरे भले जनता सहज। उत्तर जनक छंद(अंतिम दो चरण समतुकांत)- है चुनाव खादी पहन।नेता लड़े चुनाव जब।करते धर्म बनाव … Read more

‘हिन्दी’ हृदय स्पन्दन

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’बहादुरगढ़(हरियाणा)********************************************************* हिंदी दिवस विशेष…….. तिरंगे-सी महान,एकता की पहचान,देवभाषा की संतान हिंदी ने सदभाव खूब बढ़ाया है,हिन्दी हिन्द का गौरव है,जिसकी सरलता और व्यापकता नेपूरे विश्व में,परचम लहराया है।अंग्रेजी-अंग्रेजी रटने वालो,तुमने स्वयं ही तो,मातृभाषा का मान घटाया हैक्या कभी अंग्रेजों ने,अपने देश में,किसी भी तरह,’अंग्रेजी दिवस’ मनाया है।हिन्दी,मनभावन हिन्दी,प्यारी हिन्दी,दुलारी हिन्दी,हिन्दी हिन्द की हृदय … Read more