श्रद्धेय शिक्षक

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ शिक्षक दिवस विशेष……….. रास्ते पर मैं पड़ा था ठोकरें खाता हुआ,हाथ से तुमने तराशा और हीरा बन गया…मायूसियों के अंधेरों से घिरा जीवन मेरा,बन के सूरज आपने राहों को रोशन कर दिया। था चमन का फूल मैं धरती पर मुरझाया हुआ,आपका स्पर्श पा ईश्वर की माला बन गया…कच्ची मिट्टी जैसा … Read more

सच्चा शिक्षक वह कहलाए

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** शिक्षक दिवस विशेष……….. यह खूबसूरत जीवन देने वाले,माता-पिता हैं हमारे जीवन दाता।जो जिंदगी की खूबसूरती से वाकिफ कराए,वही एक सच्चा शिक्षक कहलाता। यह जीवन है एक कोरे कागज-सा,जिसे रंगों से भरना एक शिक्षक है सिखाता।उन पुस्तकों के पाठ पढ़ाते-पढ़ाते,हमें जीवन के पाठ एक शिक्षक है पढ़ाता। प्रेम से एक प्रेमी बनता है,और … Read more

भाग्य विधाता है यही

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)**************************************************** शिक्षक दिवस विशेष……….. शिक्षक के सम्मान में,आओ आगे वीर।भाग्य विधाता है यही,पूजन करलो धीर॥ शिक्षा से उजियार है,लोक और परलोक।शिक्षा बिन उन्नति नहीं,क्यों करता है शोक॥ ज्ञान और विज्ञान से,आलोकित संसार।मत करना हे साथियों,शिक्षा का व्यापार॥ बिना गुरु सम्भव नहीं,उन्नति और विकास।शिक्षक से बन जात है,काम सकल विश्वास॥ प्रथम गुरु … Read more

शिक्षक-वंदना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************************** शिक्षक दिवस विशेष……….. वंदन है,नित अभिनंदन है,हे शिक्षक जी तेरा।फूल बिछाये पथ में मेरे,सौंपा नया सबेरा॥ भटक रहा था भ्रम के पथ पर,राह दिखाई मुझको…गहन तिमिर को परे हटाया,नमन् करूं मैं तुझको। आशाओं के सावन में है अरमानों का डेरा।शीश झुकाऊं हे परमेश्वर,भाग्य मिरा यूँ फेरा॥ मायूसी से मुझे निकाला,कर … Read more

उत्तम ब्रह्मचर्य:महत्व और अर्थ समझाना होगा

श्रीमती अर्चना जैनदिल्ली(भारत)**************************** ब्रह्म का अर्थ आत्मा है जो शुद्ध है,बुद्ध है, शाश्वत आनंद स्वरूप है। स्वयं की आत्मा में रमण करना ब्रह्मचर्य धर्म है, संयम की जड़ सदाचार है और यह दोनों ब्रह्मचर्य पर आधारित हैं। जो लोग ब्रह्मचर्य की महिमा को समझते हैं,वे संयम और सदाचार के महत्व को भली-भांति जान लेते हैं। … Read more

कदम-कदम

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)************************************************* (रचना शिल्प:३३वर्ण (८८८९) प्रति चरण,चार चरण समतुकांत,चरणांत नगण१११(पुनरावृत्ति),जैसे;कदम-कदम) (टैग-रचना शिल्प:३३वर्ण (८८८९) प्रति चरण,चार चरण समतुकांत,चरणांत नगण१११(पुनरावृत्ति),जैसे;कदम-कदम)लड़ें सीमा पर हम,पातकी जाएगा थम,कारवाँ चले बढ़ेगा,चलना कदम-कदम। पाक पड़ौसी बे-दम,सुधारो उसको तुम,करना नहीं रहम,वह तो छदम-छदम। चीन भाई धोखे सम,फैलता है काला तम,भारती माता पावन,झूठ वो सनम-सनम। शत्रु हो कोई आधम,नष्ट होगा हर बम,सबक देना ही … Read more

विजय का ध्वज लहराएं यारों

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) ********************************************************* बहुत जरूरी हो तो ही हम,घर से बाहर जाएं यारों।‘कोरोना’ को जीत,विजय का,घर-घर ध्वज लहराएं यारों॥ कोरोना के लक्षण हों तो,आइसोलेशन में हम जाएं।शंका पर भी क्वारंटाइन,में रक्खें सबको सुख पाएं॥सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर,कोरोना की चेन तोड़ दें।महामारी घर तक न पहुंचे,उससे पहले राह मोड़ दें॥घर में खुद को बंद … Read more

रामकथा के प्रथम अन्वेषक फादर कामिल बुल्के

प्रो. अमरनाथकलकत्ता (पश्चिम बंगाल)****************************************** हिन्दी योद्धा………….. बेल्जियम से भारत आकर यहां की नागरिकता स्वीकार करने वाले,हिन्दी को अपनी माँ,राम को अपना आदर्श और तुलसी के प्रति अटूट श्रद्धा रखने वाले डॉ. फादर कामिल बुल्के रामकथा पर गंभीर शोध करने वाले पहले अनुसंधित्सु हैं। ‘रामकथा–उत्पत्ति और विकास’ आज भी रामकथा पर सर्वश्रेष्ठ शोध कार्य माना जाता … Read more

मालिक हूँ

मोनिका शर्मामुंबई(महाराष्ट्र)********************************************************** `ऐ बंदे,क्या सोच रहा है ? क्या फिर कोई ख्याल तुझे नोच रहा है ? कहीं पीड़ा तुझे तो नहीं हो रही, कि यह श्वान तेरे इलाके में अपना गड्ढा खोद रहा है ?’ ‘ऐ मालिक! लाया हूँ हड्डियाँ इन्हें महफूज़ और यह जगह रखना खाली, जो यह कहकर छोड़ जाते हैं समान … Read more

फिक्र नहीं है उसको

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)*********************************************************** फिक्र नहीं है उसको ख्वाब सजाने की।फिक्र परिन्दे को है आबो दाने की। पेड़ तनावर बीज वही बन पाता है,जिसमें कूवत होती है मिट जाने की। बॉस तरक़्क़ी उसको देता ही कब है,जिसको जल्दी होती है घर जाने की। पूरी दुनिया निश्चित होती क़दमों में,चाहत दिल में होती गर … Read more