गणेश जी की संरचना में छुपा है बड़ा अर्थ

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* श्री गणेश चतुर्थी स्पर्धा विशेष….. भगवान गणेश के ४ हाथ,४ दिशाओं के प्रतीक हैं,जिसका मतलब है कि ईश्वर सर्वव्यापक हैं I संसार में जो कुछ भी घटित हो रहा है,भगवान उससे अनभिज्ञ नहीं हैं I भगवान गणेश के बड़े-बड़े कान हमें यह सीख देते हैं कि जीवन में अधिक से अधिक … Read more

राशिनी में भी मातृभाषा माध्यम के गले में जहां संभव हो का फन्दा

वैश्विक ई-संगोष्ठी भाग-३:नई शिक्षा नीति से शिक्षा के माध्यम में परिवर्तन…? जोगा सिंह विर्क(पंजाब)- राहुल खटे(महाराष्ट्र)- डॉ. अशोक कुमार तिवारी- (सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई)

मैं बंद किवाड़ों-सी

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** तू दस्तक़,मैं बंद किवाड़ों-सी,तू बादल,मैं एक चमकती बिजली-सी।तू रिमझिम सावन,मैं ठंडी फुहार-सी,तू आवाज,मैं रुंधे हुए स्वर-सी। तू धड़कन,मैं तेरे अंदर की रूह-सी,तू पूर्ण,मैं सिर्फ कुछ एक अंश-सी।तू एक सपना,मैं हकीकत-सी,तू हिमालय,मैं बर्फ-सी पिघलती-सी। तू साहिर का प्रेम,मैं इमरोज का एकतरफा इश्क-सीतू शोर,मैं खामोशी-सी।तू इंद्रधनुष,मैं श्यामल वर्ण-सी,तू अहसास,मैं धड़कनों-सी। तू नींद,मैं सपनों-सी,तू … Read more

स्वतंत्रता दिवस पर रही राष्ट्रीय कविताओं की गूंज

मंडला(मप्र) स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय साहित्य सदन की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी ‘जश्ने आजादी’ का आयोजन किया गया। अध्यक्षता डॉ. मोहन तिवारी द्वारा की गयी। मुख्य अतिथि प्रो.डाॅ. सरोजनी ‘तनहा’ और विशिष्ट अतिथि कर्नल प्रवीण त्रिपाठी थे।डाॅ. राजीव पांडेय के संचालन में गोष्ठी का शुभारंभ किया गया। सर्वप्रथम मंच पर संस्था की अध्यक्षा … Read more

हाँ,मैं शिखा हूँ

नताशा गिरी  ‘शिखा’ मुंबई(महाराष्ट्र)********************************************************************* जीवन की बंदिशों से परे,स्वयं में ही दस दिशा हूँ मैंस्वच्छंद हूँ,स्वतंत्र हूँ,सरिता के उन्माद सेकिनारों की बेड़ियों से दूर,खुद में समाए अपना गुरुरचली चल दी हूँ,सामर्थ्य मेंlउजालों के बाद आने वाली,निशा हूँ मैं,हाँ मैं शिखा हूँll कभी वसुधा का धैर्य हूँ,कही लहरों की चंचलताकभी बारिश की बूँद,तो कभी अथाह सागरकिरदारों की … Read more

माँ भारती के सच्चे सपूतों को दी काव्यांजलि

इंदौर (म.प्र.)। स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है,जिसके लिए किए गए बलिदानों की महागाथा से प्रत्येक भारतवासी परिचित है।इसमें रानी लक्ष्मीबाई,मंगल पांडे से लेकर भगत सिंह,चंद्रशेखर आज़ाद तक अनेक क्रांतिकारी हँसते हुए माँ भारती के चरणों में न्यौछावर हो गए। इन्हीं सच्चे सपूतों को कवियों द्वारा आत्मीय नमन किया गया।संस्था नई क़लम द्वारा अखिल भारतीय … Read more

सूटकेस

वीना सक्सेनाइंदौर(मध्यप्रदेश)*********************************************** मेट्रो रेलवे स्टेशन से उतरने के बाद मुझे न्यू दिल्ली स्टेशन तक जाना था। मैं अपना सूटकेस,जो रोलिंग था,ले कर चल पड़ीl थोड़ी दूर चलने पर दस-पंद्रह सीढ़ियों की एक चढ़ाई आई। उसे देख कर मैं डर गई,और नीचे खड़े होकर सोचने लगी कि मैं सूटकेस के साथ ऊपर कैसे चढूंगी,मुझे स्पॉन्डिलाइटिस है। … Read more

अब न सहेंगें धमकी…आ गया ‘राफेल’

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’बरेली(उत्तर प्रदेश)********************************************************************** नाक में दुश्मनों की डाल दी नकेल है,देखो आ गया अब भारत में ‘राफेल’ हैसंभल जाओ भारत के दिशाहीन गद्दारों,इरादा आतंक फैलाने का,हो गया अब फेल है। जश्न मना लो आजादी का,छू रहा आसमान तिरंगा,गद्दारों ने मुँह की खाई है,हो जाएगा ‘कोरोना’ भी फेल हैसीमा पर खड़ा हिमालय,कल-कल करते झरने,दे … Read more

नई शिक्षा नीति से शिक्षा के माध्यम में परिवर्तन…?

वैश्विक ई-संगोष्ठी भाग-२………. डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य'(महाराष्ट्र)- यह एक सार्वभौमिक सत्य है कि,मातृभाषा में शिक्षा बच्चों के स्वाभाविक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। विश्व के सभी विकसित देशों के बच्चे अपनी मातृभाषा में ही पढ़ते हैं और वहाँ सभी कार्य भी उनकी भाषा में ही होते हैं। इसलिए विकास की गति में भी वे … Read more

बेटियां हकदार,लेकिन मुश्किलें

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** सर्वोच्च न्यायालय के ताजा फैसले ने देश की बेटियों को अपने पिता की संपत्ति में बराबरी का हकदार बना दिया है। अदालत के पुराने फैसले रद्द हो गए हैं,जिनमें कई किंतु-परंतु लगाकर बेटियों को अपनी पैतृक संपत्ति का अधिकार दिया गया था। मिताक्षरा पद्धति या हिंदू कानून में यह माना जाता है … Read more