हमदर्द बेटियाँ
कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)********************************************************** कोमलता,प्यार और भावनाओंकी मूर्ति होती हैकहते हैं नसीब वाले होते हैं लोग,जिनके घर बेटियां जन्म लेती है।माँ के दिल की हमदर्द बन जाती है,पापा की ये लाडो कहलातीभाई-बहन के मीठे बंधन,बखूबी से निभाती।खेल-खेल में संसार सारा रचा जाती,कितनी अद्भुत रचना है ईश्वर की येकभी माँ,कभी बहन,तो कभी नानी-दादी,बन अपने अंदर बसे हर … Read more