आशाओं के पंख

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** (रचना शिल्प:१६/१४) मन पंछी का रूप बनाकर,चूँ-चूँ-चूँ गाना गाऊँ।आशाओं के पंख लगाकर,आसमान उड़ता जाऊँ॥ उड़-उड़ सारे ब्रम्हांडों की,सैर सभी कर आऊँगा।मन की इच्छा पूरी होगी,तन…

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सावन का महीना

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** मधुर मिलन का ये महीना,कहते जिसे सावन का महीनाप्रीत प्यार का ये महीना,कहते जिसे सावन का महीना।नई नवेली दुल्हन की,प्रीत बढ़ाता ये महीना। ख्वाबों में डूबी रहती…

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ई-संगोष्ठी शब्द उपयुक्त

मुद्दा-वेबिनार बनाम अपने शब्द प्रो.शैलेंद्र शर्मा(उज्जैन)- मैं राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी का ही प्रयोग करता हूँ,यही उपयुक्त है। जैसे वेब पत्रिका,वेब पत्रकारिता,वेब मीडिया शब्द बहुप्रचलित हैंl विज्ञानव्रत- संजाल संगोष्ठी यह नाम…

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क्या गुरू…! फिर तालाबन्दी…

तारकेश कुमार ओझाखड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** जो बीत गई उसकी क्या बात करें,लेकिन जो बीत रही है उसे अनदेखा भी कैसे और कब तक करेंl ऐसा डरा-सहमा सावन जीवन में…

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अखियाँ दर्शन को प्यासीं…

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* 'दृष्टि जिसे हम आँख भी कहते हैं हमारे पूरे शरीर को सुरक्षा प्रदान करती है और उस दृष्टि को बहुपयोगी बनाता है दर्शनशास्त्र, जिसे…

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पानी बरसा दे या रब

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** पानी बरसा दे या रब तो तर जाएंगे।वरना,बेमौत सारे ही मर जाएंगे॥ पालने वाले हमसे क्यों नाराज है,तेरी रेहमत पे सबको बड़ा नाज है।तू…

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नागालैंड में श्वान माँस पर प्रतिबंध…खाद्य फासीवाद कैसे ?

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** बिग बी को कोरोना,चीनी दबंगई और विकास दुबे मुठभेड़ से परे सुदूर पूर्वोत्तर के राज्य नागालैंड में राज्य सरकार द्वारा कुत्ते (श्वान) के माँस पर प्रतिबंध को…

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मनोकामना

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** चिराग को देखते ही गगन खुशी से उछल पड़ा-"ओ हो चिराग! क्या तुम अब भी रोज मंदिर आते हो ?"'हाँ गगनl'"तुम्हारी तो सिर्फ एक ही मनोकामना थी,क्या…

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भारती वंदन

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)************************************************* (रचना शिल्प:३२ वर्ण (८८८८) प्रतिचरण १६,१६ वर्ण पर यति,४ चरण समतुकांत चरणांत गुरु लघु) मात भारती वंदनमाटी तेरी है चंदन,जन्मे जो रघुनंदनआँचल में भगवान। मान देश का रखतेशान…

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बदलता है रंग आसमाँ भी कैसे-कैसे..

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** बड़े अज़ीब दिन हैं ये और बड़े अजीब हैं ये अहसास…,हर दिन मानो एक नया इम्तहान लेकर सामने आता है और दिलो-दिमाग पर उदासी…

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