दूर बैठे हैं

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** स्वयं दिल के ही हाथों हम हुए मजबूर बैठे हैं,तुम्हारे इश्क में हम भी हुए मशहूर बैठे हैं।'कोरोना' से कहीं हम-तुम प्रभावित हो नहीं जाएं- मुहब्बत…

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चीन को सबक

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************************* माँ मुझको तलवार दिला दे,मैं लक्ष्मीबाई बन जाऊँगी।गला काटकर चीन का मैं,भारत माँ को भेंट चढ़ाऊँगी। धोखा दिया है कई बार तूने,अब तेरे झांसे में न आऊँगी।मैं भारत…

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हमारे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ राष्ट्रीय समस्या

कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना ‘गिरीश’भोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************************************** भारत एक सार्वभौम संवैधानिक लोकतंत्र है और भारतीय लोकतंत्र के तीन संवैधानिक स्तम्भ हैं,यथा-विधायिका,कार्यपालिका एवं न्याय पालिका,जिनके संगठन,कार्य,कार्यपद्धति संविधान में निहित है| `विधायिका` सर्वविदित है…

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शिवा भी हूँ,शिवानी भी…

देवश्री गोयल जगदलपुर-बस्तर(छग)******************************************************* शिवा भी हूँ मैं…शिवानी भी हूँ मैं…अर्द्ध भी-पूर्ण भी हूँ मैं…lअंत भी आरम्भ भी हूँ मैं…काल से शुरू होकर…काल से परे भी हूँ मैं…,दिग भी हूँ…दिगन्त भी…

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इस तरह दिल…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरीकुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** इस तरह दिल चुराने लगी,वो मुझे गुनगुनाने लगी। हो गयी क्या मुहब्बत उसे,गेसुओं को सजाने लगी। अश्क़ बहने लगे इश्क़ में,और वो मुस्कुराने लगी। जान…

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कर्म है सबसे प्रधान

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) *********************************************************************** एक दिन मैंने देखा सपना,सपने में था धर्म और कर्म…दोनों सुलझा रहे थे एक मर्म,मर्म में दोनों का एक ही कहना। कहता धर्म मैं ही…

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अब नई दुनिया गढ़े भारत

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** भारत ८ साल बाद फिर आठवीं बार सुरक्षा परिषद का सदस्य चुन लिया गया है। यह सदस्यता २ साल की होती है। सुरक्षा परिषद में कुल १५…

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स्फूर्ति धार अंग-अंग में

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************** योग को बनाय अंग होय रोग शोक दूरजिंदगी बने सुखी शरीर भी सुडौल हो।शक्ति जीवआत्म को मिले बढ़े सुभक्तिभावचित्त शांत आत्म औऱ ईश का सुमेल हो॥…

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हार नहीं मानते

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** मजदूर हैं हम देश के,मेहनत करना जानते हैं,पसीना अपना बहाते हैं,कभी हार नहीं मानते हैं। एक-एक ईंट जोड़कर,महलों को बनाते हैं,दिनभर की मजदूरी करके,रोजी-रोटी…

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चीन की धृष्टता

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** चीन की इस धृष्टता का,अब देना ही होगा जवाबएक जवान की शहादत का,दस से लेलो हिसाब,उबल रहा लावा,अब तो हर भारतीय के सीने मेंचीन झूठा,चीनी झूठे,झूठ…

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