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चीन को सबक

रोशनी दीक्षित
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)
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माँ मुझको तलवार दिला दे,
मैं लक्ष्मीबाई बन जाऊँगी।
गला काटकर चीन का मैं,
भारत माँ को भेंट चढ़ाऊँगी।

धोखा दिया है कई बार तूने,
अब तेरे झांसे में न आऊँगी।
मैं भारत माँ की बेटी हूँ,
अब तुझको धूल चटाऊँगी।

तुझ जैसे शैतान,कायर पर तो,
भारत की बेटी ही भारी है।
भर गया है तेरे पापों का घड़ा,
अब इसे तोड़ दिखलाऊँगी।

माँ मुझको तलवार दिला दे,
मैं लक्ष्मीबाई बन जाऊँगी।
गला काटकर चीन का मैं,

भारत माँ को भेंट चढ़ाऊँगीll

परिचय-रोशनी दीक्षित का जन्म १७ जनवरी १९८० को जबलपुर (मप्र)में हुआ है। वर्तमान बसेरा जिला बिलासपुर (छत्तीसगढ़) स्थित राजकिशोर नगर में है। स्नातक तक शिक्षित रोशनी दीक्षित ने एनटीटी सहित बी.एड. एवं हिंदी साहित्य से स्नातकोत्तर भी किया है। इनका कार्य क्षेत्र-शिक्षिका का है। लेखन विधा-कविता,कहानी,गज़ल है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-हिन्दी भाषा का प्रचार व विकास है।

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