मानसिक संघर्ष और नारी

अंशु प्रजापतिपौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड)**************************************************************** 'कोरोना' महामारी के चलते एक स्व प्रेरित वेबिनार हमारे कुछ शिक्षक बंधुओं के माध्यम से आयोजित की गई,जिसमें मुझे प्रतिभाग का सुअवसर प्राप्त हुआ ।प्रतिदिन नए विषय…

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प्रो. शरद खरे को ‘सर्वोत्कृष्ट रचना सम्मान’

सम्मान समारोह मंडला(मप्र)। 'सत्य की मशाल' पत्रिका का सम्मान-समारोह व विशिष्ट काव्य-गोष्ठी वीडियो कांफ्रेंस द्वारा लता स्वराजंलि के संचालन में किया गया। इसमें 'सर्वोत्कृष्ट रचना सम्मान' प्रो. शरद नारायण खरे…

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आयेगा नहिं काल

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** दैनिक योग करो सखे,जब भी मिले सुकाल।तन निरोग मन में खुशी,आयेगा नहिं काल॥आयेगा नहिं काल,योग के लाभ निराले।तन का रंग गुलाब,केश काले के काले॥कहे 'अवध'कविराय,बनो…

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हक़ीक़त से मिल

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** ख़्वाब से तू निकल और हक़ीक़त से मिल,फ़लसफ़ा जिंदगी का समझ आयेगा।जो सहर अब,वो बन शाम,जायेगी ढल,वक़्त पर न जगा गर,तो पछतायेगा। ये सितारे…

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ग्रहों का असर-हमारे जीवन पर

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* कहा जाता है कि ग्रह,नक्षत्र और राशि हमारे जीवन पर और प्रकृति पर भी असर डालते हैं। तब प्रश्न यह उठता है कि बहुत…

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करें योग

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************************* करते रहें प्रतिदिनयोग,ज़िन्दगी भर रहें निरोग। योग हमारे जीवनके लिए जरुरी है,इसके बिना स्वस्थ्य रहनेकी कल्पना अधूरी है। योग से शरीर बनता हैस्वस्थ और बलवान,यही…

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धुआँकश

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)********************************************************************* धुआँकश एक कमरा थाजिसमें एक माड़ी थी,लकड़ी के बने मचान की तरह।कमरे में था एक बिस्तर जो थाबिल्कुल उदास,ग्रे और सुस्त-सा अखबार की तरह।फिर कुछ सालों में एक…

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साथी चाहिए…

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** कटती नहीं उम्र,अब तेरे बिनामुझको किसी से मानो,प्यार हो गया।जिंदगी की गाड़ी अकेले,अब चलती नहींएक साथी की जरूरत,मुझे अब आ पड़ी॥ मिलना मिलाना जिंदगी का,दस्तूर है लोगोंखिल…

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अपूर्ण क्षति

रीना गोयलयमुना नगर(हरियाणा)************************************************************* (रचना शिल्प:२१२२ २१२२ २१२२ २१२) बोझ सीने में दबाकर,सब अकेले सह गए।कुछ कभी कहते किसी से,खुद सिसकते रह गए।हाथ जीवन से छुड़ाया,मृत्यु को अपना लिया।हैं सभी हैरान…

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प्राकृतिक सुधार

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)******************************************************************* इतिहास के पन्नों में उलट-फेर हो रही है…,वक़्त करवट ले रहा है,एक नई भोर हो रही है…दौड़ती थी जिंदगी जिस रोटी के नाम,सुना है उस रोटी…

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