‘वापस तो आओगे न दोस्त…?’ एक नायक ऐसा भी…

डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** इस 'कोरोना' काल में लोगों की पीड़ा और परेशानियों की अनगिनत तस्वीरों के बीच कुछ ऐसी भी तस्वीरें आईं जिन्होंने तपती रेत पर बारिश…

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दीपशिखा सागर का सृजन भाव व शिल्प की दृष्टि से श्रेष्ठ-प्रो. खरे

मंडला(मप्र)। काव्यांगन समूह ने बुधवार को एकल काव्यपाठ आयोजित किया,जिसमें जानी-मानी कवियित्री दीपशिखा सागर (छिंदवाड़ा) ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से अतिथियों और श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। मुख्य अतिथि प्रो.…

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छालों भरे पाँव

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’कोटा(राजस्थान)***************************************************************** चुभे थेबरसों पहलेजो 'बाबा नागार्जुन' कीआँखों में,वैसे ही चुभ गयेफिर सेआँखों में मेरीपैदल चलते मजदूरों केछालों भरे पाँव।रहन हुए खेत सबमर गए भूखे,प्यास भीबुझी नहींनदी-ताल सूखे,चले कृषकशहर…

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प्यार के हसीन पल

विजय कुमारमणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** किसी की राह देखूँ तोशबनम याद आती है,जब कोई रूठ जाए तो-मुहब्बत याद आती है। ज्वाला दिल में जलती हैतो गहरा प्यार होता है,किसी ने जोर से…

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घुटती साँसें

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** विश्व पर्यावरण दिवस ५ जून विशेष....... बिगड़ा है पर्यावरण,बढ़ता जाता ताप!ज़हरीली सारी हवा,कैसा यह अभिशाप!! डीजल,गैसें खप रहे,बिजली जलती ख़ूब!हरियाली नित रो रही,सूख गई सब…

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पर्यावरण पर तालाबन्दी का सकारात्मक प्रभाव

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) ****************************************************** विश्व पर्यावरण दिवस ५ जून विशेष....... पर्यावरण की चिंता करने वाले और उसे लेकर अपने स्तर पर लगातार प्रयास करने वाले लोगों और संस्थाओं के लिए विश्व…

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सनातनी उदारवादी सन्त कबीरदास

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)************************************************************ संत कबीरदास जयंती ५ जून विशेष...... विशुद्ध चेतना या सनातन धर्म की मूल नीति से दूर हट कर मनुष्य भ्रांति-मतवाद के शिकार होने लगे एवं अपने-अपने…

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जीवन पटरी पर लाना है

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** लंबे समय की तालाबंदी,कभी नहीं हितकारी लोगों।हो समाज या देश सभी को,पड़ जाती है भारी लोगों॥ इसीलिए अब बना योजना,कारोबार बढ़ाएंगे हम।पेट भराई सबकी…

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स्त्री…एक किताब

अमृता सिंहइंदौर (मध्यप्रदेश)************************************************ स्त्री…होती है जैसे…एक किताब…देखते तो हैं सब जिसे..,अपनी-अपनी अपेक्षाओं केहिसाब से…। घूरता है कोई…उत्सुक-सा,समझ के रंगीन चित्रकथाउसे,सोचता है कोई…उपन्यास सस्ता और घटिया-सा। कुछ होते हैं जो,पलटते हैं…

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तालाबन्दी:पाबंदियां हटाना समय की जरूरत

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* आवश्यकता आविष्कार की जननी है,यह कहावत युगों-युगों से प्रचलित है,जो तालाबन्दी की पाबंदियां हटाने पर पूरी तरह सटीक बैठ रही है। तालाबन्दी आवश्यक…

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