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बेकरारी

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’
गोरखपुर(उत्तर प्रदेश)

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सुबह से शाम हो गयी इंतज़ार में,धूप की तपिश-छाँव में,
हवाओं में तेरे आने की खुशबू वक्त गुजर गया बेकरार के इंतज़ार में।

आए न आए तुम लम्हों बहार में,मायूसी का आलम,
तेरे न मिलने का गम,जाने कब ख़्वाबों में आ गए।

रातभर तेरी याद में कभी जागता-सोता, करवटें बदलते रहे हम,
हसीन ख्वाब में तुझे ही देखते रहे हम।

दिन तेरे इंतज़ार कि बेकरारी,रात तेरे ख्वाबों की हकीकत बन गए हम,
शायद हसरत के प्यार का यही है सबब।

मोहब्बत का शबाब चढ़ने दो,
ख्वाब की मोहब्बत को हकीकत की चाहत का जूनून बनने दो।

मेरी मुहब्बत का खुदा ने अंजाम यही लिखा है,
सुबह से शाम परवाने की तरह ढलने दो।

इश्क की इबादत का जूनून चढ़ने दो,
इश्क में दर्द के अश्कों को बहने दो।

इश्क और इबादत में इम्तेहान तमाम,
आरजू की इंतेहा,इम्तेहानों से गुजरने दो।

दीवानों का शायद हश्र है यही,इश्क के गुमाँ गुरुर में जलने दो,
खामोश निगाहें,दिल की गहराई के जज्बात यादों में रहने दो।

कायनात की इस जिंदगी को मयस्सर नहीं तेरी मुहब्बत,
चाह यूँ ही इश्क के पैमाने में ढलने दो।

बंद बोतल के शराब में भी तेरे ही अक्स,
शराब को इश्क के अश्कों में पी लेने दो।

तेरे मिलने की उम्मीद की खुशियों के इंतज़ार में,
गम के पल दो पल की जिंदगी तो जी लेने दो॥

परिचय-एन.एल.एम. त्रिपाठी का पूरा नाम नंदलाल मणी त्रिपाठी एवं साहित्यिक उपनाम ‘पीताम्बर’ है। इनकी जन्म तारीख १० जनवरी १९६२ एवं जन्म स्थान-गोरखपुर है। आपका वर्तमान और स्थाई निवास गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में ही है। हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री त्रिपाठी की पूर्ण शिक्षा-परास्नातक हैl कार्यक्षेत्र-प्राचार्य(सरकारी बीमा प्रशिक्षण संस्थान) है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त युवा संवर्धन, बेटी बचाओ आंदोलन,महिला सशक्तिकरण,विकलांग और अक्षम लोगों के लिए प्रभावी परिणाम परक सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,नाटक,उपन्यास और कहानी है। प्रकाशन में आपके खाते में-अधूरा इंसान (उपन्यास),उड़ान का पक्षी,रिश्ते जीवन के(काव्य संग्रह)है तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-भारतीय धर्म दर्शन अध्ययन है। लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-पूज्य माता-पिता,दादा और पूज्य डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। विशेषज्ञता-सभी विषयों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा दे सकने की क्षमता है।

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