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‘अटल जी` की जयंती पर श्रेष्ठ २१ कवियों ने किया काव्य पाठ

अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन…………

ऑस्ट्रेलिया।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं सुप्रसिद्ध कवि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर विश्व हिंदी सचिवालय (मॉरीशस)एवं न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फाउंडेशन के सहयोग से सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका द्वारा ‘अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन’ आयोजित किया गया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातिय विश्वविद्यालय(अमरकंटक)के कुलपति प्रो. प्रकाश मणि त्रिपाठी की अध्यक्षता और प्रो. विनोद कुमार मिश्र(महासचिव,सचिवालय)के सान्निध्य में इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार- भाषाविद डॉ. श्रीनारायण ‘समीर’ उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथियों के रूप में सुनीता पाहुजा (हिंदी और सांस्कृतिक राजदूत,भारतीय दूतावास, मॉरीशस),डॉ. दीपक पाण्डेय(सहायक निदेशक, केन्द्रीय हिंदी निदेशालय),कल्पना लाल(सृजन ऑस्ट्रेलिया संयोजक,मॉरीशस)अंजू घरभरन,डॉ. सुजाता उपाध्याय(सिक्किम) आदि की गणमान्य उपस्थिति रही।
शुरुआत करते हुए ई-पत्रिका के प्रधान सम्पादक डॉ. शैलेश शुक्ला ने कार्यक्रम का परिचय दिया। आपने बताया कि,पत्रिका द्वारा ‘अटल काव्य प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया,जिसमें ११६८ प्रतिभागियों की १५०० से भी अधिक कविताएँ प्राप्त हुईं। पत्रिका से जुड़े १८ निर्णायकों द्वारा श्रेष्ठ २१ कविताओं का चुनाव किया गया। श्रेष्ठ २१ कवियों को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर काव्य पाठ करने के लिए आमंत्रित किया गया,जहाँ कवियों ने अपनी बेहतरीन रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि,गूगल मीट के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में भारत, मॉरिशस,कतर और श्रीलंका से कवि-कवियित्रियों ने काव्य-पाठ किया। अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि,अटल जी जैसे व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित करने का इससे बेहतर माध्यम नहीं हो सकता।
कार्यक्रम में प्रो. मिश्र ने कहा कि हिंदी को वैश्विक भाषा बनाने की पहल आदरणीय अटल जी ने सत्तर के दशक में ही संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर कर दी थी। हिंदी को वैश्विक भाषा बनाने का अटल जी का सपना शीघ्र साकार हो सके,इसके लिए हम सभी प्रयासरत हैं। मुख्य अतिथि ‘समीर’ ने कविता क्या है और कवि के संघर्ष और कविता के मध्यम से समाज में परिवर्तन कर सकने की क्षमता को समझाया।
सभी अतिथियों ने इस सम्मेलन की सराहना की। सम्मेलन’ में दोहा से शालिनी वर्मा,मॉरीशस से डी. के. सिंह और सुनीता आर्यनाइक,श्रीलंका से वजीरा गुणसेना,भारत से डॉ. अमर कान्त कुमर,मणिन्दर कुमार सिंह,मुनिराज हरिशंकर जोशी,राहुल आदर्श,रतन कुमारी वर्मा एवं डॉ. स्मृति आनंद आदि ने काव्य पाठ किया।

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