संजय जैन
मुम्बई(महाराष्ट्र)
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देश हमारा प्यारा है,
सबका बहुत दुलारा है।
तभी अनेकता में एकता,
हम सबका नारा है।
बहु भाषाएँ होकर भी,
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
भारत देश हमारा है,
जो प्राणों से भी प्यारा है
जहाँ जन्मे राम कृष्ण और,
उन पर लिखने वाले संत
तभी तो यह पावन भूमि,
हम सबको बहुत भाती है।
तभी तो हमें भारत देश,
प्राणों से भी प्यारा है।
अमन-चैन से रहते हम सब,
होली ईद दिवाली पोंगल
और मनाते क्रिसमस आदि,
हर त्यौहार में हिस्सा लेते
हर जाति और मजहब सारे,
ऐसा प्यारा देश हमारा
प्राणो से भी है सबको प्यारा,
सबसे न्यारा सबसे प्यारा।
विश्व में है भारत हमारा,
भारत हमारा,भारत हमारा॥
परिचय– संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।