ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध लेखक-अभिनेता गिरीश कर्नाड नहीं रहे

पद्मश्री,पदमभूषण से सम्मानित थे,दिग्गज हस्तियों ने दी श्रद्धान्जलि बेंगलरू। दक्षिण भारत और बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता गिरीश कर्नाड का निधन सोमवार को हो गया है। जाने-माने अभिनेता,फ़िल्म निर्देशक ,नाटककार, लेखक…

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काश!

मदन मोहन शर्मा ‘सजल’  कोटा(राजस्थान) **************************************************************** काश! प्यार करने वाले मोम के बने होते, पिघल कर एक दूसरे में मिले तो होते, काश! सदा एक ही डाली के फूल होते, काँटों…

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मेरे अहं

रेखा बोरा लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ************************************************************* मेरे अहं ! मेरे और तुम्हारे बीच लगातार... चलता रहता है घोर युद्ध... जिसमें अच्छी लगती है, तेरी पराजय मुझको... मेरे अहं! तुम नहीं…

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संस्कार के बीज

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** दर्पण कितने बदले तुमने,चेहरे को तुम बदल न पाए। नेेह-स्नेह के भाव कहो क्यूँ,अब तक तुममें मचल न पाए। चाँद-सा चेहरा भोली सूरत,दर्शन में बड़े…

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परिंदों को मिलेगी मंज़िल यक़ीनन

डॉ.चंद्रेश कुमार छतलानी  उदयपुर (राजस्थान)  ************************************************************************** वैसे तो हर विधा को समय के साथ संवर्धन की आवश्यकता होती है, लेकिन लघुकथा एक ऐसी क्षमतावान विधा बन कर उभर सकती है…

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माटी की गुड़िया

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** मैं माटी की गुड़िया हूँ, मिट्टी में मिल जाना है। माना शक्ल मेरी भी थी, कहते लोग खजाना है। सुंदर आँखें,गोरा रंग था, लटें…

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कैसे लोग चला देते हैं बच्चों पर शमशीर

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** सोच-सोच कर मन यह मेरा होता रोज अधीर, कैसे लोग चला देते हैं बच्चों पर शमशीरl कैसे उसको पाला होगा, पल-पल उसे सम्हाला होगाl…

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उत्तराधिकारी

डॉ.स्वाति तिवारी भोपाल(मध्यप्रदेश) ********************************************************** ''मरने के बाद कितना निर्विकार लगता है चेहरा ?'' ''एकदम निर्मल पानी की तरह स्वच्छ। लगता है बस अभी उठेंगे और आवाज लगाएंगे-समर...l'' जिज्जी की निर्मल…

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दलितों के घर भोजन

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* चार लोग कंधे पर एक शव ले जा रहे थे,तभी वह अचानक बोल उठा-"अरे!! आप लोग मुझे कहाँ लेकर जा रहे हैं।" उनके पीछे चल…

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हिंदी भाषा का अपने क्षेत्रों में वर्चस्व जरुरी

प्रो.जोगा सिंह विर्क *************************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल........ आदरणीय,वास्तविक समस्या यह है कि हिंदी विरोधियों का विरोध तो यह कहकर किया जाता है कि…

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