मौसम

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** पृथ्वी और नभ का रिश्ता,जैसे है प्रीत का नातामौसम जिसमें आता-जाता,तब जैसे वह वसन बदलता। दिनकर नभ का भाग्य विधाता,स्वर्णिम दिनकर की किरणेंपूरे विश्व में ज्यों फैले,उससे…

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आधी बूंद…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आधी-अधूरी हमेशा,अनभावन नहीं होतीआज ढह कर बह चुकी,पूरी नहीं;ठहरी हुई आधी बूंद कीबात करते हैं…पेशानी पर पसीने की,उंगलियों में पोंछी-सिमटीआधी बूंद…गालों पर सूख चुकी एक लकीर की,अंतिम…

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एक चमन के फूल हम

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह सच्चाई है,जीवन की अंगड़ाई हैटूटते-सिमटते हुए,घर-घर की कहानी हैयह आज़ की सिमटी दुनिया में,बढ़ रही कहानी है। परिवार अब परिवार कहां,माँ-बाप से बढ़ रही दूरियाँ यहांजन्म देकर निष्प्राण…

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फिर वही शाम

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* न जाने क्यों बार-बार आ जाती है,हमसे मिलने 'फिर वही शाम'क्यों बीते पल को याद दिलाती है_रोज-रोज आकर वही शाम। सहने की घड़ी अब बन्द हो…

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उफ़…ये गर्मी!

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* उफ़…ये गर्मी त्रासदी, जेठ दुपहरी ताप।फिर भी पत्थर तोड़ते, मज़बूरी अभिशाप॥ शीतल मंद समीर नित, कहीं धूप कहँ छाँव।उमर-घुमड़ बरसे घटा, पुन: तपिश उद्भाव॥…

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ओ मेरे हमदम

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* वीरान जंगल,अनजाने रास्तेलंबा सफर और,गीत सूफियानागर तुम न होते तोकैसे हो मौसम सुहाना। ये सुहानी राहें,जहाँ मिले थे हमआज भी बाँहें फैलाएआलिंगन करे, कहे थम,तेरे गीतों…

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श्रमिकों की वंदना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मजदूरों का नित है वंदन, जिनसे उजियारा है।श्रम करने वालों से देखो, पर्वत भी हारा है॥ खेत और खलिहानों में जो, राष्ट्रप्रगति-वाहक हैं,अन्न उगाते,स्वेद बहाते, सचमुच…

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लथ-पथ मजदूर

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** बड़ी-बड़ी अट्टालिकाओं में,अक्सर धनवान लोग रहते हैंसब इसे जन्नत का, सैर-सपाटे का,खुबसूरत नाम कहते हैं। यहाँ सुविधाएं ऐशो-आराम का,बड़ा-सा समन्दर रहता हैज़िन्दगी को खूबसूरत बनाकर,ज़ीने का सुखद अहसास और…

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आम आदमी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* आम आदमी नित सुख का ढूँढ़ता आकाश,धरती पर नित करता जीवन के लिए प्रयासपरिवार उसका संसार औ नीड़ है संवारता,छोटे या बड़े हों स्वप्न अनेक,…

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सबब

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* मिलने के लिए सबब हो,ये जरुरी नहींमिले नहीं हर तो दूरियाँ बढ़ जाएंगीये ज़रूरी नहींसुख-दु:ख की बातें बाटंने के लिए गुफ़्तगूतो ज़रूरी नहीं…। अकेले ही जिदंगी…

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