पशु बलि ?
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** न जाने समाज क्यों, कुछ पिशाचियत पर अड़ता है ?बे-ज़ुबान निरीह पशुओं की, बलि चढ़ाने पर लड़ता है। देवताओं के नाम पर लेता है, जान इन बे-जुबानों…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** न जाने समाज क्यों, कुछ पिशाचियत पर अड़ता है ?बे-ज़ुबान निरीह पशुओं की, बलि चढ़ाने पर लड़ता है। देवताओं के नाम पर लेता है, जान इन बे-जुबानों…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** क्या शांति गीतहै मन बावराभीतर मीत…। पँख झुलसेप्रीत पाखी व्याकुलबंधे भू रीत…। सुदूर नभदृग छोर तलकरेतीला टिश…। लू जैसे स्वाँसवाह्य दग्ध वायुढूँढते शीत…। शिथिल कायाअहर्निश अनलबुझता दीप…।…
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* न भूलो मन जीवन है अनमोल,पग बढे़ वचन हो सदा जय बोल। न भूलो मन मात-पिता का प्यार,स्नेह संग सदा करें सम्मान अपार। न भूलो…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* घात का करे विचार,युक्तियाँ करे हजार,जो करे सदैव पाप,विश्व भी नकारता॥ दूर हो कुकर्म ताप,नष्ट होय घात पाप,होय रोग शोक दूर,ईश भी विचारता॥ सृष्टि जीव घात…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** पीड़ा मन में उभरी,नव गीत सुनाऊँ कैसे ? साथी छूटा साथ टूटा,मन को बताऊँ कैसे ? विरहता दिखाऊँ कैसे,संग यादों सजाऊँ कैसे ? वक्त फिसला मुट्ठी में…
एस.अनंतकृष्णनचेन्नई (तमिलनाडु) ******************************* अपनी हिंदी, अपनी भाषा,अपने विचार, अपना चिंतन।भाव प्रधान, सद्विचार प्रधान,संयम प्रधान, नि:स्वार्थ प्रधान।सद्य: फल के लिए,भ्रष्टाचार अप्रधान।ईमानदारी इष्टप्रधान,बे-ईमानदारी कष्ट प्रधान।तटस्थ जीवन, तटस्थ मन,निष्पक्ष न्यायप्रधान कार्य।संक्षेप में मैं…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* कितने ही साथी,नहीं दु:ख में पर कोई'भगवान' जिसके हों,उसे काहे दु:ख होई। कर्म सभी के जीवन करते,फल लेता है जीवन जिनकेकहें सभी बस दु:ख ही…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हो निराश रुकना नहीं, सुन ऐ मेरे मीत।संघर्षों से तू निभा, हर मुश्किल में प्रीत॥ मन को कर तू आसमय, लेगा मुश्किल जीत।काँटों पर गाना सदा,…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** मन मेरा गाता रहे, सदा-सदा शिव नाम।भोले पुण्य प्रताप से, सफल बने हर काम॥ शिव शंकर की वंदना, करो भक्त दिन-रात।मन की इच्छा पूर्ण कर,…
रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** हे शब्द तू तलवार बन,हृदय मे जो बिंध सकेआर्तनाद रोक सके,ऐसा औजार धारदार बन।हे शब्द तू तलवार बन… काट सके जो मन के पेंच,ऐसी जिह्वा को तू…