हिन्दी दिवस सजाएं..

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* हिन्दी और हमारी जिंदगी.... हिन्दी दिवस सजाएं, खुशियाँ सदा मनाएं।भारत की शान है ये, दुनिया में सब बताएं॥ थी चौदहवीं सितम्बर, उन्नीस सौ उनन्चास्,अधिकार…

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हिंदुस्तान हमारा है

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** जाग उठो ऐ वीर जवानों,हिंदुस्तान हमारा है।सबक सिखा दो अरि को रण में,जिसने भी ललकारा है॥ आँख नोंच लेना तुम उनकी,जो भी आँख लड़ाते हो।हाथ…

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राम कृष्ण की धरती

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** राम कृष्ण की जन्म भूमि पर,क्यों होता है अत्याचार।हर पल हर क्षण यहाँ खून का,होता रहता क्यों व्यापार॥ इतना बड़ा मुल्क है फिर भी,छाया रहता…

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नव किरणें बिखराओ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* विघ्नहर्ता गजानंद विशेष.... हे विघ्नविनाशक, बुद्धिप्रदायक, नीति-ज्ञान बरसाओ।गहन तिमिर अज्ञान का फैला, नव किरणें बिखराओ॥ कदम-कदम पर अनाचार है,झूठों की है महफिल।आज चरम पर पापकर्म है,बढ़े…

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देव तुम संसार के

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** विघ्नहर्ता गजानंद विशेष….. विघ्नहर्ता श्री गणेशा, देव तुम संसार के।लाज तेरे हाथ में अब, दीन हम लाचार के॥ प्रार्थना स्वीकार करना, हे गजानन दास हम।भक्ति…

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आओ प्रियवर

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** भांति-भांति कुसुम आगवानी,पथ बिछाये तुम्हारे हैं।जूही गुलाब कली कुमुदनी,सँग मन भी उतारे है॥आओ प्रियवर देख रहे पथमादक नैन हमारे हैं… मन सितार सप्तसूर नवरस,भरकर मधुरम मृदुल भावरस।अधरो…

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वृक्ष लगाएं

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** ज्यों पालते बच्चे को हैं इसको भी पालिये,और प्यार-मुहब्बत की इसमें खाद डालिए। होकर बड़ा ये काम हमारे ही आयेगा,खाने को देगा फल ये ज़िन्दगी बचायेगा।प्राणवायु…

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मौसम ने रौनक है बाँटी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* धूम मचाती जल बरसाती, वर्षा रानी आई।आज मगन मन वृक्ष ले रहे, झूम-झूम अँगड़ाई॥ जल धरती पर पहुँच रहा है, नदियाँ हैं दीवानी,मौसम ने रौनक है…

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आजाद वतन

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************** कोटि-कोटि इस जन्मभूमि से,भारत अपना प्यारा है।देश भक्ति की जगे भावना,दिल ने हमें पुकारा है॥ सब धर्मों के फूल खिलें हैं,हिन्द वतन के बागों में।हिन्दू-मुस्लिम…

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विरहाकुल गोपियाँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* घन श्याम अजिर में बरस रहे, सखि री! घनश्याम नहीं आए।अम्बर में शम्बर गरज रहे, चपला चमके जी घबराए॥ दूरी को सहना है मुश्किल,खो गए कहाँ…

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