उबारना होगा

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** नफरत की विचारधारा से,दुनिया को उबारना होगा।दिल, दिमाग, मन, बुद्धि, चित्त को,दलदल से निकालना होगा॥ जब तक तुष्टिकरण जारी है,तब तक प्रतिभा कुंठित होगीन्यायालय में हमले होंगे,न्याय…

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सबकी सेवा कर जाना

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* विश्वास: मानवता, धर्म और राजनीति.... मानवता को धार हृदय में, सबकी सेवा कर जाना।थोड़ा जीवन कर्तव्यों के, गीत हमेशा तुम गाना॥ दीन-दुखी की सेवा करके, नित्य…

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करना है कुछ नवल-प्रबल अब

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नव वर्ष... नया काल है, नया साल है, गीत नया हम गाएँगे।करना है कुछ नवल-प्रबल अब, मंज़िल को हम पाएँगे॥ बीत गया जो, उसे भुलाकर,हम गतिमान…

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चरण-शरण में मुझको ले लो

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* झूठे सारे रिश्ते-नाते, सब माया रघुराई।चरण-शरण में मुझको ले लो,द्वार आपके आई॥ दशरथ नंदन राम दर्श इस, दासी को दे जाओ,करो कृपा हे रघुकुल भूषण, रूप…

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मानवता सर्वोच्च शिखर

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ विश्वास:मानवता, धर्म और राजनीति... मानवता सर्वोच्च शिखर है, मानव तुम आभास करो।तुम श्रृंगार स्वयं हो अपना, अपने पर विश्वास करो॥ यह है पावन धर्म तुम्हारा,जियो, सभी को जीने…

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ऐ वीर जवान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* ऐे सैनिक! फौज़ी, जवान, है तेरा नित अभिनंदन।अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन॥ गर्मी, जाड़े, बारिश में भी, तू सच्चा सेनानी,अपनी माटी की रक्षा को,…

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मानव सेवा धर्म हमारा

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सबमें ही इक तत्व समाया,ना कोई है उससे न्यारा।यही सभ्यता संस्कृति अपनीमानव सेवा धर्म हमारा॥ चन्द पलों का जीवन है ये,सुख-दु:ख का है आना-जाना।परिवर्तन की भाग-दौड़…

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दहेज

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** पिता सजा कर मोती-सोना,आँचल भर उपहार दिया।बैठाया बेदी सप्तपदी,बांधा मंगल हार पिया॥ त्याग मात पिता का गृह,राम समझ कर बनी सिया…।पति निकला रावण जैसा,और लँका ससुराल हुआ…॥निर्धन…

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अपनी निशानी छोड़ जा

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* आया है जग में तू प्यारे, अपनी निशानी छोड़ जा।दुष्कर्मों से अपना नाता, ऐ प्राणी तू तोड़ जा॥ मिट्टी की है काया मानव, मिट्टी में मिल…

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भूल-भुलैया

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* है रिश्तों की भूल-भूलैया, साँसों का ताना-बाना।सुख फूलों-सा दु:ख काँटों-सा, क्या रोना, क्या इतराना॥ ऊपर वाला भांति-भांति का, सबका लेख बनाता है।जिसने जितनी हवा भरी है,…

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