जिन्दगी तू निशां पीढ़ियों तक बना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** (रचना शिल्प:२१२ २१२ २१२ २१२)जिन्दगी जी रहे जैसे कर दी खता,सब जियें पर न अगले ही पल का पता।उम्र जितनी मिली वो बितानी पड़े,चाह…

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ऐसे ही सारा संसार सजाना है

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** हम एकसाथ बैठे जिस पर,वह नौका पार लगाना है,हो भारत एक श्रेष्ठ भारत,सपना साकार बनाना है। नहीं निर्धनता का क्रन्दन हो, नहीं जाति धर्म का बन्धन हो। जिस…

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गर रात नहीं हो इस जग में

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)*********************************************** कल रात अंधेरा घना था लेकिन,भोर की आशा बाकी थी।जगे हुए इन नयनों में भी,कुछ जिज्ञासा बाकी थी॥ अंधियारे जब सृजित हुए तो,कुछ तो अर्थ रहे होंगे,या…

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सच्ची दीवाली

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** जिस दिन अंत:तमस मिटेगा,समझो सच्ची दीवाली।मानवता का भाव जगेगा,हृदय नही होगा खाली॥ दीन-दुखी की सेवा करते,समझो मन उनका सच्चा।लोभ मोह में फँसा रहे जो,उसका मन जानो…

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दीपों का त्योहार मना लें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष….. दीपों का त्योहार मना लें,मिल-जुल के सब दीप जला लें।देवी लक्ष्मी माता सुखों की,दे आशीष वो श्रद्धा जगा लेंlदीपों का…

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तमसो मा ज्योतिर्गमय

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ****************************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष….. दीपोत्सव पावन बेला यह,आओ विजयी दीप जलाएँ।चलो मिटाएँ अन्धकार जग,मुस्कान अधर खुशियाँ लाएँll संकल्प चित्त आश्वस्त ध्येय,जगमग-जगमग दीप जलाएँ।नवप्रकाश हम…

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आई दिवाली

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ घर-बाहर है साफ-सफाई,करते हैं सब लोग।हर्ष भरा उत्साह सभी में,करें सभी मनमोद॥ बम-पटाखे-फुलझड़ियों से,जगमग चारों ओर।दीप-दीप मालाओं से हर-घर है भावविभोर॥ जगमग लड़ियों से घर-आँगन,रात अंधेरी…

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प्रियतम बिन सूना यह सावन

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)*********************************************** जब पूनम का चँदा देखूँ,मैं दरिया के पानी में।जैसे प्रियतम ने छेड़ा हो,मुझको भरी जवानी मेंllप्रियतम बिन सूना यह सावन,अब तो प्रियतम आ जाओ,तन-मन मचल रहा है…

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हे लाल तुम्हारा अभिनन्दन है

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’मुंबई(महाराष्ट्र)*********************************************** जिनकी खातिर व्यक्ति नहीं ये,देश समूचा अपना है।जिन आँखों में भारत माँ की,माटी का ही सपना है॥ वतन परस्ती में छोड़ा है,अपने घर परिवारों को,जो जीवन में…

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हे! कलियुग के राम

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’ इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************* हे! कलियुग के राम आज,जग में अवतारो।मन के भीतर छिपे घोर,रावण को मारोllगाँव-नगर में बजे नहीं,रावण का डंका।करो लक्ष्य संधान हनू,अब लंका बारोllहे! कलियुग…

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