सद्भावों का महा कुम्भ हो
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** नये वर्ष के नव प्रभात में,नव जीवन का शुभारंभ होlतन पावन हो मन पावन हो,नहीं किसी में द्वेष-दंभ हो। बुरा सुनो मत,बुरा न देखो,बुरा न बोलो मिटे बुराईlऐसा कुछ करके दिखलाओ,रहे जगत में सिर्फ भलाईlऐसा बने चरित्र कि जिसका,एक सत्य ही दृढ़ स्तम्भ हो…ll मित्रों,तुमको सुभग बधाई,नया वर्ष हो अति सुखदाईlभ्रष्टाचार आतंक दूर … Read more