दहशत में सारा शहर आ गया
दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* देश में ये कैसा कहर आ गया, दहशत में सारा शहर आ गया। किसी के पास कोई जाता नहीं, लगे आग तो भी बुझाता नहीं।…
दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* देश में ये कैसा कहर आ गया, दहशत में सारा शहर आ गया। किसी के पास कोई जाता नहीं, लगे आग तो भी बुझाता नहीं।…
अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. आईये एक कदम हम चलें, दोस्तों स्वच्छता के लिए। गंदगी न बढ़ाये कोई, इस धरा पे खुदा के…
सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़र देवास (मध्यप्रदेश) ******************************************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. 'पर्यावरण बचाना है', सुनो भाइयों नारा ये जन-जन तक पहुँचाना है। पर्यावरण बचाना हमको, पर्यावरण बचाना हैll आओ लगायें…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति परी तू रच सकती है,मेरे-सा संसार नहीं, मिले तुझे हैं विधि से अनुपम,मेरे से उपहार नहीं। मेरी आँखों के बादल…
डॉ.विजय कुमार ‘पुरी’ कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) *********************************************************** आज़ादी के परवानों को,याद हमेशा करना। स्वर्ग में बैठे उन वीरों को ठेस लगेगी वरना॥ लड़ी लड़ाई आज़ादी की,फूले नहीं समाए हैं। ज़र्ज़र…
रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** ऋतु आई वासन्ती देखो, मदमाती अलबेली हो। रंग भरी पिचकारी लेकर, लगती बड़ी रसीली हो॥ नैन कटार मीठे हैं बोल, छीन लिए दिल अनमोल।…
ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** जिसने अपनी कोख में मेरी,काया का निर्माण किया, जिसने अपनी साँसों को ही,मेरे तन का प्राण किया। उस जननी के पदपंकज पर,इतना नेह जताता हूँ,…
प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** ज़िन्दगी में कहाँँ किनारे हैं, हम सरीख़े भी बेसहारे हैं। मिले मुक़म्मल जहाँ तलाश ये, है आरज़ू कि फिरते मारे हैं। न आब है तलाश…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** होली आयी है आयी है होली आयी है, सब खुशियों रंगों की थाल सजायी है। शान्ति प्रेम सौहार्द्र आपसी भेंट सजाकर लायी है,…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* आँखों में जो रहे न सुख से, आँसू बह कर क्या कर लेंगे। आवारा से निकल दृगों से, मुख पर आकर मुरझाएंगेl जब न मिलेगा कहीं…