वो चिठ्ठी-पत्री वाला प्यार

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************************** वो होती थी बैरन रात,रात,लिखती थी मन की बातlबात-बात में करती थी इज़हार,वो चिठ्ठी-पत्री वाला प्यारll बार-बार कागज को फाड़,फाड़,लिखती थी सौ-सौ बारlबार,आने की करती मनुहार,वो…

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तुम दीप जलाना

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*************************************************** (रचना शिल्प:१६/१२,सार छंद) दीपों से तुम दीप जलाना,मन में प्यार जगाना।घर-आँगन महके हर कोना,ऐसा पुष्प खिलाना॥ दूर हटे अँधियारा जग से,फैले ज्ञान उजाला।कर्म साधना हो…

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नारी जीवन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************** शम्मा-सा जलता है पल-पल,और पिघलता नारी जीवन।देकर घर भर को उजियारा,आँखें मलता नारी जीवनll कर्म निभाती है वो तत्पर,हर मुश्किल से लड़ जाती,गहन निराशा का…

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उड़ जाने को जी करता है

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** सपनों वाले पंखों से फिर,उड़ जाने को जी करता है।बचपन के उन गलियारों में,मंडराने को जी करता है॥ थका-थका लगता मेरा मन,है बोझिल-बोझिल सा जीवन।याद आ…

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अपनी भाषा हिंदुस्तानी

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) ********************************************** सत्य अहिंसा न्याय दया की,रही सदा जो पटरानी।दुनिया में आला सबसे,हिंदी भाषा हिंदुस्तानी॥ नस-नस में है खून हिंद का,हिंदुस्तानी ऑन रहे।पले हिंद की भूमि…

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बेटी बनकर जो जन्मी थी…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** बेटी बनकर जो जन्मी थी,वो ही कल माँ बन जाएगी।जीवन को जग में लाने के,दस्तूर वही तो निभाएगी।बेटी बनकर जो जन्मी थी… ओ जग…

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बॉलीवुड जाना नहीं…

रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)********************************************************** (रचनाशिल्प-परदेसी,परदेसी की धुन…) बॉलीवुड,बॉलीवुड जाना नहीं,जाना नहीं घर छोड़ के,घर छोड़ के।बॉलीवुड की माया,है बस दिखावा।इसे याद रखना,कहीं भूल न जानाl अपने बनकर लोग यहाँ छल जाएँगे,मुँह में…

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देश जूझता आज तुम्हारा

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) ************************************************** गांधी जयंती विशेष..... दु:ख देते हैं जानबूझ कर,दुखियारों को बापू।महिमामंडित करते हैं हम,हत्यारों को बापूll देश जूझता आज तुम्हारा,मजधारों में पल-पल,बढ़ते हैं विपरीत दिशा…

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भारत वन्दना

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************** जय जय जननी भारत धरणी,मेरा वन्दन स्वीकार करोभव सर तरणी सब दु:ख हरणी,जग जीवन का उद्धार करो। गंगा की अविरल धारा में, बहती है जिसकी कीर्ति अमर हिमगिरि…

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बंजारा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************** (रचना शिल्प:ध्रुवपंक्ति-नहीं ठहरता एक जगह पर,सचमुच मन बंजारा है।) चलते-चलते थक मत जाना,लक्ष्य ने आज पुकारा है।नहीं ठहरता एक जगह पर,सचमुच मन बंजारा हैll मंजिल तभी…

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