अंतस दियरा बार

रेखा बोरा लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ************************************************************* अंतस दियरा बार रे मानुष, अंतस दियरा बार। तेरा-मेरा क्यों सोचे है, जाना है हाथ पसार। रे मानुष...॥ जग है ये काजल की कोठी,…

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अनजानी ये रहगुजर

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** जिन्दगी ये मिली जिस्म भी मिला है सुहाना, बन जाए कब मिट्टी,इसका न ठिकाना। बनना ही है जब मिट्टी तो फिर क्यों न,…

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अनुराग का तराना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** मिला कोय तो जीवन बदला,नेह-मेघ घिर आये हैं, फूलों में खुशबू फिर लौटी,नव संदेशे आये हैं। मन गाता है परभाती अब, भजन-आरती भाते हैं…

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मेरे देश की मिट्टी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** भारतवर्ष की मिट्टी में है सौंधी प्यारी-सी खुशबू, मेरे देश की मिट्टी... इसके वीर शहीदों के बलिदानी लहू की खुशबू, मेरे देश की…

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जीवन का संग्राम बहुत है

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* द्वंद्व करूँ क्या अधम मृत्यु से, जीवन का संग्राम बहुत है। क्षण-क्षण आते आँधी-पानी, पल-पल उठते यहाँ बवंडर चाहें कि उपजाऊ बगिया, बनती रेगिस्तानी बंजर। कितने…

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भारत माता..

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** ये देश सुहाना है। जितनी ये धरती, ये देश पुराना हैll ये देश न तोड़ो रे। अब तो गद्दारी, तुम करना छोड़ो रेll ये कब…

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जिंदगी की कहानी

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** यही है सुनो जिंदगी की कहानी, कि चादर नई रोज होती पुरानी। कोई जन्म ले,साल बीते,खड़ा हो, है घटती उमर जिस्म जितना बड़ा हो।…

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गणतंत्र दिवस मनाएँ

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… आओ मिलकर हम,गणतंत्र दिवस मनाएं, संविधान का है यह,दिवस सबको बताएं। आज़ाद भारत में रहकर,भी जो भ्रमित है, ऐसे भ्रम को…

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आओ हास करें…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** जीवन कितने दिन का ?,आओ हास करें। छोड़ उरों से रिपुता,मिलकर रास करेंll जीवन कितने दिन का?,आओ हास करें यमशाला है भू पर,भू पर इन्द्रपुरी।…

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चार लोगों ने कहा…..

अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** चार लोगों ने कहा..हम, चार पग फिर बढ़ गए। चार युग की व्यंजना में, काल-कलि हमको मिला। चार ॠतुओं में विहरने, का मिला हमको सिला। चार…

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