तुलसी
बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* दिव्य छंद तुलसी रचे,भारत हुआ कृतज्ञ। मैं,उनके सम्मान में,दोहे लिखता अज्ञll हुलसी तुलसी गंध-सी,सेवित तुलसीदास। भाव आतमा राम से,मानस किया उजासll नरहरि जी सद्गुरु मिले,पायक हनुमत वीर। रत्नावली से राम का,मिला पंथ मति धीरll मानस-मानस में रखे,पहचाने अरि मित्र। तुलसी ने अनुपम रचा,रघुपति राम चरित्रll सन्त असन्त विवेचना,नारि धर्म,नर कर्म। मानस … Read more