मजदूरों के नाम पर मजाक

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** परिभाषा मजदूर की,पूछ रहे हैं आप। 'बबुआ' इतना जानिए,जीवन का अभिशाप॥ दीन-हीन कुंठित पतित,भूखा फिर लाचार। बबुआ है मजदूर का,इतना-सा व्यापार॥ सभी सृजन के मूल…

Comments Off on मजदूरों के नाम पर मजाक

कँटीले अल्फ़ाज़ ए नूर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** भौतिक मायाजाल फँस,रिश्ते होते दूर। धन-वैभव छल झूठ में,कहाँ मिलेगी नूरll लुब्ध श्वान खल सर्प का,क्या उसूल ज़ज़्बात। रिश्ते हैं बस स्वार्थ के,वरन…

Comments Off on कँटीले अल्फ़ाज़ ए नूर

बड़ा

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** बड़ा न उसको जानिये, जिसके उर अभिमान। झुकते हैं नित ही बड़े, जैसे झुकती धान॥ बड़ा वही जो जानता, पर हृदय की पीड़। देता उसको…

Comments Off on बड़ा

दीर्घायु

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ****************************************************************************** नित्य समय से सोइये,जागें ऊषाकाल। यत्र-तत्र विहार करें,उठकर प्रातः कालll मंजन कुल्ला शौच कर,करें रोज नित स्नान। योग करें व्यायाम नित,पायें नित सम्मानll मात-पिता गुरु…

Comments Off on दीर्घायु

कबहु नशा मत कीजिए

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** कबहु नशा मत कीजिए,यह अवगुण की खानl जो नशा कछु है करा,आज ही दीजे निकालll जो साजन मदिरा पिये,नाही सजनी के जोग। रोज नशा में रत…

Comments Off on कबहु नशा मत कीजिए

स्वच्छ भारत,स्वस्थ भारत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** निर्मल मानसपटल हो,स्वच्छ शील सुविचार। निर्मलता हो कर्म में,स्वस्थ राष्ट्र आधारll स्वच्छ रखें रनिवास को,स्वच्छ रखो परिवेश। स्वच्छ रखें भू संपदा,है बापू संदेशll…

Comments Off on स्वच्छ भारत,स्वस्थ भारत

खेल भावना हो सही

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** खेल भावना हो सही,तभी मिलेगा मान। रौशन होगा नाम फिर,दुनिया हो हैरानll खेलो देश विदेश में,लहरे परचम आज। रहे सभी सदभावना,करें सभी फिर…

Comments Off on खेल भावना हो सही

मेरा गाँव…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** तपती-सी थी दुपहरी, माथे चूता नीर। तन को पुलकित कर गई, शीतल मन्द समीर॥ तेरी शीतल छाँव में, सुलझे मन के राज। तेरा मुझ पर…

Comments Off on मेरा गाँव…

पिता आप भगवान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** आनंदित निज पूत पा,किया समर्पित जान। पिता त्याग सुख शान्ति को,पूरण सुत अरमानll लौकिक झंझावात को,पिता सहे चुपचाप। धूप वृष्टि या शीत हो,यायावर…

Comments Off on पिता आप भगवान

जिंदा रखता प्रेम ही

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** गज की अनुपम एकता,नहीं जरूरत साध्य। उस एका के सामने,केहरि भी हो बाध्यll एका ही वह ढाल है,जिससे रक्षा कौम। सोलह आने सत्य यह,तिमिर…

Comments Off on जिंदा रखता प्रेम ही