दिखी घाटी में मुस्कान
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** सालों,सालों में दिखी, घाटी में मुस्कान। पाथर भी गाने लगे, आज नेह के गान॥ गीत नेह के भर गये, ऊँचा माँ का भाल। हरियाली घाटी हुई, जो थी खूं से लाल॥ एक हमारा ध्वज हुआ, उपजा एक विधान। जग में उजली हो गई, भारत की पहिचान॥ परिचय-डॉ.विद्यासागर कापड़ी का सहित्यिक … Read more