पश्चाताप
मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** रक्षाबंधन विशेष…….. “राधा…सुन..! ये मोर पंख वाली राखी तुझे अच्छी लग रही थी न..! ले…लेजा इसे अपने भाई को बांधना… I” वेदिका ने पिछले साल की राखी अपनी काम वाली बाई को देते हुए कहा।“राखी तो मैं..ख़रीद ली हूँ दीदी! ” राधा ने कपड़ा सुखाते हुए कहा।“जानती भी है ये राखी कितने की … Read more