साड़ीवाला…

डॉ. सोमनाथ मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)******************************************* मैं ऑफिस जाने के लिए जूता पहन ही रहा था,कि एक मोटा-ताजा आदमी अपने दोनों हाथों में गठरी ले कर मुझे नमस्कार करते हुए और मेरी उपेक्षा करते हुए घर में प्रवेश कर गलीचे पर बैठ गया,और गठरी खोलने लगा। मैं अचंभित रह गया,’न जान न पहचान-बड़े मियां सलाम’ वाली बात … Read more

औचित्यहीन खर्चीले विवाह समारोह

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** मुझे तो आज तक भी समझ नहीं आया कि दिखावे के लिए शादी-विवाह समारोह पर इतना अधिक खर्च क्यों किया जाता है ? एक शादी पर १ करोड़ रुपया खर्च कर दिया जाता है। शादी के लिए महंगे से महंगा बैंक्वेट हॉल बुक लिया जाता है। ५० तरह के व्यंजन,सलाद,शीतल पेय और … Read more

जाकी रही भावना जैसी

डॉ. सोमनाथ मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)******************************************* ‘जाकी रही भावना जैसी,प्रभु मूरत देखी तिन तैसी’ इसका मतलब जिसकी जैसी भावना उसी के अनुरूप प्रभु (श्रीराम) को उसी रूप में देखा। यह पंक्ति आजकल के मौजूदा स्वरुप में उपयोग होती है। जिसका जो भाव होता है वह परिस्थिति को उसी के आधार पर आंकलन करने लगता है। आजकल यह … Read more

मार्निंग वॉक

डॉ. सोमनाथ मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)******************************************* चिकित्सक ने मेरा हेल्थ चेक-अप करने के बाद कहा,अब तक तो ठीक है। आपको कोई भी शारीरिक समस्या नहीं है,पर मेरी बात मानें तो रोज सुबह मार्निंग वॉक शुरू कर दें। मैंने चिकित्सक को बताया कि डॉक्टर साहब सुबह की मार्निंग वॉक करने के लिए कौन-सा वक्त सही रहेगा ?चिकित्सक ने … Read more

इसका अंत कहाँ ?

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* रोज की तरह आज भी आकाश पाठ ख़त्म होने के बाद पहले घंटे की शुरुआत में कक्षा में आया। आकाश मेरी कक्षा का ग्यारह-बारह वर्ष का छोटा- सा बच्चा था। हर दिन देरी से आने के कारण डाँट खाकर चुपचाप अपनी जगह पर जाकर बैठ जाता। आज जब मैंने उसे … Read more

बैंक की नौकरी

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* बी.कॉम. का दूसरा वर्ष समाप्त हुआ भी नहीं था और पिताजी ने मेरा विवाह तय कर दिया। मेरे लाख मना करने के बावजूद अच्छा घर और चिकित्सक वर मिल जाने के कारण पिताजी नहीं माने। मेरे ससुरालवालों को लड़की तो पढ़ी-लिखी चाहिए थी,लेकिन नौकरी करने की बंदिश थी।विवाह की तिथि … Read more

बदले रंग ज़माने के

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष …… “अरे पप्पू यहाँ गाँव में कुम्हार तो है,शायद हरी नाम था उसका..! उससे ही तो दीदी,दीवाली के लिए दीए और कलश वगैरह लेतीं थीं…फ़िर शहर से ये सब क्यों ख़रीद कर ले आए..?” बरसों बाद उत्तर प्रदेश से आई मौसी ने कार से उतरते हुए पप्पू के थैले … Read more

४ पैसे वाला गणित

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** हम सभी ने बड़े-बुजुर्गों से सुन ही रखा है,-‘चार पैसे कमाओगे,तब समझ में आएगा…,चार लोग क्या कहेंगे…,चार दिन की चाँदनी,फिर अंधेरी रात…’ वगैरह-वगैरह। ऐसी अनेक तरह के अर्थों को समझाती अनेक कहावतें हमारी संस्कृति में उपलब्ध हैं। हम में से अनेक ने अपने बुजुर्गों को डाँट कर अपने से छोटों को … Read more

एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** २०१३ की घटना है,मैं नगर निगम के पार्षद का चुनाव लड़ी और दूसरी बार पार्षद बनी। एक सामाजिक संगठन की भी सचिव थी तो मैं और संगठन के अध्यक्ष शहर में अवैध कट्टी घर पर लगातार बोल रहे थे। मैं निगम में कट्टी घर पर लड़ाई लड़ रही थी। उसी प्रकरण में … Read more

पढ़ाई अंग्रेजी में, लेकिन बात हिन्दी में ही

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. हमारे समय में हिन्दी का ही बोलबाला था। अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय बड़े शहरों में ही होते थे,वो भी गिनती के,जिसमें प्रवेश पाना भी आसान नहीं होता था। इसके अलावा अभिभावकगण भी हिन्दी माध्यम से ही शिक्षा दिलाने को मर्यादित मानते थे यानि हिन्दी … Read more