महिला अत्याचार-हैंडल और पाने..सोच बदलने की जरुरुत

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ पुनः समाचार पत्रों में एक हृदयविदारक घटना पढ़ने को मिली। शल्यक्रिया में मोटर साईकल का हैंडल निकला और कोख को भी निकालना पड़ा....l निर्भया…

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प्रतिशतों का मकड़जाल

पवन प्रजापति ‘पथिक’ पाली(राजस्थान) ************************************************************************************** प्रतिशतों के मकड़ झाल में उलझे बच्चे अस्सी- नब्बे फीसदी अंक प्राप्त करके भी उस प्रसन्नता से वंचित है,जो हमें कभी 'मात्र उत्तीर्ण' हो जाने…

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माँ तुझे सलाम..

डॉ.शशि सिंघल दिल्ली(भारत) ********************************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… 'माँ' एक शब्द नहीं,बल्कि इसमें दुनिया- जहान का बसेरा है। इसे कुछ शब्दों में बयां करना नाइंसाफी होगी। सम्पूर्ण जगत को ईश्वर…

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नारी की अस्मिता के लिए जागरूकता आवश्यक

डॉ. प्रभु चौधरी उज्जैन(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* सृष्टि की जन्मदात्री,देव,मनुज,दानव,वानर,सबकी निर्मात्री,पंजभूतों की महाशक्ति की आधारभूत शक्ति की अवहेलना-प्रताड़ना नहीं होनी चाहिए। इसीलिए पूर्वजों ने,ऋषियों ने श्रुतियों और स्मृतियों में नारी पूजा का…

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दबाव एवं हिंसा की त्रासदी का शिकार बचपन

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* आज का बचपन केवल अपने घर में ही नहीं,बल्कि स्कूली परिवेश में बुलीइंग यानी दबाव एवं हिंसा का शिकार है। यह सच है कि इसकी टूटन…

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आधुनिकता की चकाचौंध में संस्कारों का `अन्तिम संस्कार`

शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है,जहाँ सभी धर्मों को मानने वाले लोगों का बसेरा है एवं सभी जातियों व संप्रदायों के अनुयायी यहाँ निवासरत…

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बचपन न छीनें

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ व्यावसायिकता के इस समय में अशासकीय शिक्षण संस्थान बच्चों का बचपन फीस के लिए न छीनें तो अच्छा हैl बच्चों को मामा-भुआ के यहां…

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जानते हुए भी गलत कार्य क्यों करते हैं ?

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* अर्जुन ने श्रीकृष्ण से अति सुंदर प्रश्न किया था कि,हर व्यक्ति अपना भला-बुरा,धर्म-अधर्म,पाप-पुण्य,उचित-अनुचित समझता है,फिर भी जबरदस्ती,न चाहते हुए भी पाप और अधर्माचरण में लिप्त क्यों…

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भाषा और संस्कृति:एक सत्यान्वेषण

छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** एक सत्य साहित्यसेवी के संदर्भ में हर बार दोहराना चाहता हूँ कि वह जीवन की सौंदर्य अनुभूति से आह्लादित होकर या कला…

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वर्तमान परिदृश्य में प्राकृतिक इलाज आवश्यक

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ भारत देश ऋषि-मुनियों की धरा रही है।सन्त-महात्माओं के चमत्कार और देवभूमि पर चमत्कारित औषधियाँ मानव जीवन के कल्याण के लिए उपयोगी रही हैं। वर्तमान…

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