कैसे-कैसे लोग…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रखे है चाहतें बेशुमार,जीस्त के पिटारे मेंउड़े वक्त तोते,आँख भिगोते लोग…। शकों-सुबहात में जीते,आजमाने की फ़िराक मेंअपनों को खोते,सपनों को ढोते लोग…। पलकों की चादर तान,आँसू सो…