मेरे अरमान

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*********************************************** न जाने क्यों मेरे अरमान सोने लगे हैं,मुश्किलों के दौर बेलगाम होने लगे हैं। खौफ के मन्जर नज़र आते हैं मुझको,न जाने क्यूं लोग बेईमान होने लगे…

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सभी दिलों की मुहब्बत…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** सभी दिलों की मुहब्बत,मैं दिल में रखता हूँ।दिलों में दर है खुदा का,सभी से कहता हूँ। ये एक देन है कुदरत की मैं यही…

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तो पत्थर जनाब हम भी हैं!

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** सवाल आप हैं गर तो जवाब हम भी हैं,हैं ईंट आप तो पत्थर जनाब हम भी हैं। शरीफ़ हम हैं शरीफ़ों के वास्ते साहब,जो हो खराब…

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जन्नत की सैर

संजय जैन ‘बीना’मुंबई(महाराष्ट्र)******************************************* पूनम की रात में,प्रीतम के साथ मेंनिकले हैं दोनों,जन्नत की सैर परदेखकर राधा कृष्ण,जैसी जोड़ी कोअप्सराएं बरसाने लगी फूल। देखो वसुन्धरा ने धरा पर,बिखेर दिए मोतीकोई कंकड़…

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डगर

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** जीवन की डगर पर कितने ही,पतझड़ औ बसन्त देखे हमने। जीवन की डगर कांटों से भरी,कुछ फूलों-सी सुरभित पाईपत्थर ही मिले राहों में अधिक,ठोकर ही हमने बहुधा खाई।…

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परिवर्तन

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** स्थिर जल दुर्गंधित हो,करते रोग शोक आमंत्रन,आवश्यक यौगिक लौकिक,प्रायोगिक है परिवर्तन…। विचार वेदना संवेदना नित विधि नियम सयंम सबमें,बदलाव का भाव आवश्यक है सृष्टि का संचालन…। परिवर्तन…

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करो ऐसी सियासत

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)**************************************************** अब करो ऐसी सियासत।हाथ अपने हो क़यादत। रोज़ करते जो मशक्कत।माँगते वो कब रियायत। जो नहीं करते हैं ख़िदमत।जब्त हो जाती ज़मानत। चार सू…

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चन्द रिश्तों की बानगी है तू…

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** ज़िन्दगी के सफ़र में,रिश्तों की बड़ी अहमियत हैकुछ पल में यहां थोड़ी-सी दिखती,सहूलियत है। सहूलियत से,एतबार न हो जाए यहांयही जिंदगी में खूब,तकलीफ़ देने लगती हैमजबूरियां भी,इस डगर पर…

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देखो,छूट न जाए

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* देख परख कर कीजिए,मत का प्रयोग आप,बहुत कीमती है यह एक उंगली की छाप।आस-पड़ोस ऊपर-नीचे,जायें सबके साथ-वोट दिया नहीं सोच कर,रहे ना कोई संताप॥ यह लोकतंत्र का…

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किताब-घर

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** मानवीय सभ्यता के विकास का किताब-घर,जीवन के किस्से-कहानियों वृतांत का किताब-घरजीवन के रस को जिसने पान किया है,काव्य धारा की अमृत धारा का किताब-घर। कहानी घर-घर…

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