स्वच्छ भारत

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** भारत अपना स्वच्छ हो,करो सभी सहयोग। महके गुलशन देश यह,जन-गण रहे निरोग॥ बापू का सपना यही,पूरा करना आज। मिलकर कदम बढ़ा चलो,बने स्वच्छ…

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मेला

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* मेला आया भाई मेला आया, चाट-पकौड़े का ठेला आया... कितना सुंदर कितना प्यारा, त्योहार बड़ा अलबेला आया। सजी खिलौने की दुकान, एक से बढ़कर एक…

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चाँद इश्क़

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** चलो चाँद कुछ और बताए, हल्के हवा के झोंके मंद मधुर चाँदनी में हूर नूर का अंदाज़ बताए। चंचल चितवन शोख अदाएं, सावन का…

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गुरु घण्टाल

अरुण कुमार पासवान ग्रेटर नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* भूख कभी ईमान नहीं खाती; ईमान तो इच्छा का शिकार होती है। भूख को तो सिर्फ रोटी चाहिए, रोटी,एक पवित्र आहार जैसे-प्यास के लिए…

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उठो,जागो…

ललित प्रताप सिंह बसंतपुर (उत्तरप्रदेश) ************************************************ उठो,जागो..., फिर से नयी शुरूवात करोl खत्म हो गये हैं जो रिश्ते, उनसे फिर शुरू बात करो अगर जो मानें तो बेहतर, नहीं फिर…

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मेरी कल्पना…

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *************************************************************** महक हो ऐसी, सागर में लहरें हो जैसी। सादगी हो ऐसी, दिल में उमंगें हो जैसी। सूरत हो ऐसी, फूलों में कोमलता हो जैसी।…

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दिनकर

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* दिनकर दिनकर से हुए,हिन्दी हिन्द प्रकाश। तेज सूर जैसा रहा,तुलसी सा आभास॥ जन्म सिमरिया में लिये,सबसे बड़े प्रदेश। सूरज सम फैला किरण,छाए भारत देश॥ भूषण सा…

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गुलाब

सपना परिहार नागदा(मध्यप्रदेश) ******************************************- सुना है तेरे शहर में गुलाब बहुत हैं, उसकी खुशबू मेरे शहर से होकर गुजरती है भले ही रौनक तेरे शहर में हो, तेरे शहर के…

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गुलाब ले लो

सविता सिंह दास सवि तेजपुर(असम) ************************************************************************* सिग्नल की हर गाड़ी की खिड़की पर देती है वो दस्तक, शोर चाहे कितना भी हो ट्रैफिक का सबके कानों में चुभती, उसकी वो टक-टकl…

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यादें

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** गुजर गए अपनों की, स्मृतियों को याद करके सोचता हूँ,कितना सूनापन है उनके बिनाl घर की उनकी संजोई हर चीज को जब छूता हूँ, तब…

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