सपना परिहार
नागदा(मध्यप्रदेश)
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सुना है तेरे शहर में गुलाब बहुत हैं,
उसकी खुशबू मेरे शहर से होकर गुजरती है
भले ही रौनक तेरे शहर में हो,
तेरे शहर के गुलाब से मेरी गलियाँ महकती है।
गुलाब है तो चमन में बहार है,
हर लब पर सिर्फ उसका ज़िक्र बेशुमार है
वो जब खुल के मुस्कुराते हैं तो बहार आती है,
जब गुलाब की पंखुड़ियां भी खिल जाती हैं।
माना तुम्हें गुलाब पसन्द है,
पर हम भी उनके कम मुरीद नहीं हैं
गुलाब को चाहने वाले,
हम भी कुछ कम नहीं हैं।
तेरे हिस्से के कुछ गुलाब से मेरी झोली भर दे,
मेरी जिंदगी को खुशियों से भर दे
ये गुलाब जिंदगी है मेरी,
इन गुलाबों से मेरी जिंदगी महकती हैll